Udaipur Communal Tensions: उदयपुर में अपने घर की फर्श पर बैठी 15 वर्षीय उस लड़के की मां बेहद दुखी हैं, जिसकी बेटे की दो दिन पहले कथित तौर पर उसके ही स्कूल के एक साथी ने चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि मुझे आर्थिक सहायता राशि नहीं चाहिए। मैं अपने बच्चे के लिए न्याय चाहती हूं, जिसे बदले की भावना से मार दिया गया।
16 अगस्त को दूसरे समुदाय से आने वाले उसके सहपाठी द्वारा लड़के पर चाकू से हमला किए जाने से उदयपुर में सांप्रदायिक तनाव भड़क गया है।जिस दिन उस पर चाकू से हमला हुआ, उस दिन दक्षिणपंथी समूहों (हिंदू समूहों) ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भीड़ ने कुछ वाहनों को आग लगा दी थी और दुकानों को जबरन बंद करवा दिया था। संगठनों ने सोमवार और मंगलवार को पूर्ण बंद का आह्वान भी किया था।
घटना के बाद से शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और सोमवार को लड़के की मौत के बाद तो और भी अधिक सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां तक की इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। मंगलवार को जिस दिन लड़के को दफनाया गया, उदयपुर में बस कुछ ही दुकानें खुली थीं। हर 300 मीटर पर पुलिसकर्मी देखे जा सकते थे।
कथित तौर पर पीड़ित को चाकू मारने वाले किशोर लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है, और उसके पिता, जो एक टेंपो चालक है, उनको पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। लड़के की मां और बहन एक रिश्तेदार के यहां चली गई हैं। प्रशासन ने उनके घर को ध्वस्त कर दिया है।
पुलिस प्रशासन ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह मकान मालिक को मकान के कागजात पेश करने के लिए नोटिस दिया था। जब वे कागजात पेश नहीं कर पाए तो मकान को ढहा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि मकान अवैध रूप से वन भूमि पर बनाया गया था। सरकार ने पीड़ित परिवार को 51 लाख रुपये मुआवजा तथा एक रिश्तेदार को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने बताया कि सरकारी स्कूल में छुट्टी के दौरान उसकी जांघ पर चाकू से वार किया गया था, जिसके बाद उसके दो अन्य सहपाठी उसे स्कूटर पर अस्पताल ले गए थे।
पीड़ित मां ने कहा, ‘बच्चे उसे पास के अस्पताल ले गए। हमारे एक पड़ोसी ने उसे घायल अवस्था में देखा। उन्होंने तुरंत मुझे सूचित किया और हम अस्पताल की ओर भागे।’ उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल से किसी ने भी उन्हें घटना के बारे में नहीं बताया तथा स्कूल के कर्मचारी भी लड़के को अस्पताल नहीं ले गए।
पीड़ित मां ने कहा, ‘अगर मेरा बेटा कभी स्कूल से अनुपस्थित रहता था तो स्कूल के शिक्षक मुझे फोन करके उसके अनुपस्थित रहने का कारण पूछते थे। वे मुझे इस घटना के बारे में क्यों नहीं बता पाए? दो युवा लड़के अकेले मेरे बेटे को अस्पताल ले गए और उनमें से एक ने घाव को अपनी शर्ट से ढक दिया, क्योंकि खून तेजी से बह रहा था। मैं चाहती हूं कि प्रशासन लापरवाह स्कूल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करे।’
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि जब उन्हें लाया गया था तब लड़के नाड़ी (नब्ज) नहीं चल रही थी। महाराणा भोपाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आरएल सुमन ने कहा कि हमने उसे उन्नत सीपीआर दिया, जिसके बाद हमने उसकी नब्ज देखी… हमने खून चढ़ाते हुए लड़के का ऑपरेशन किया। यह एक मुश्किल सर्जरी थी। हमारे वरिष्ठ सर्जन ने बहुत कोशिश की। उन्होंने बताया कि हमले में लड़के की फीमरल धमनी फट गई थी और इससे बहुत ज़्यादा खून बह गया था।
डॉ. सुमन ने बताया, ‘लड़का हमले के बाद शायद अपनी जान के डर से लगभग 300 मीटर भागा होगा, जिससे उसका खून और बह गया। जिस सहपाठी ने लड़के की जांघ पर अपनी शर्ट बांधी थी, उसने उसे कुछ और समय तक रहने में मदद की। ऑपरेशन के बाद, लड़का वेंटिलेटर पर था और हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन 19 अगस्त की रात को उसने दम तोड़ दिया।’
शव का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया, अंतिम संस्कार मार्ग पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। पुलिस ने ड्रोन के जरिए भी इस पर नजर रखी। पीड़ित परिवार के घर के आसपास भी पुलिस की भारी तैनाती थी।
उदयपुर रेंज के महानिरीक्षक अजयपाल लांबा ने कहा, “स्थिति अब नियंत्रण में है। हमने लोगों को भरोसा दिलाया है कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं आएगी। हमलावर को हिरासत में ले लिया गया है और हम उसके पिता से पूछताछ कर रहे हैं कि उनके बेटे के पास चाकू कैसे आया।” पुलिस ने दोनों लड़कों के बीच झगड़े के पीछे की वजह पर कोई टिप्पणी नहीं की। सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच पहले भी झगड़ा हुआ था, लेकिन एक शिक्षक ने उन्हें शांत करा दिया था।
(पारुल कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)