नेशनल एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी ने हैदराबाद के एक मूवी थिएटर को ब्याज के साथ टिकट पर वसूली गई अतिरिक्त राशि उपभोक्ता को वापस करने का आदेश दिया है। तीन साल पुराने इस मामले में थिएटर ने प्रत्येक टिकट पर 11.74 रुपये अतिरिक्त राशि ली थी, जिस पर अथॉरिटी ने आदेश दिया कि थिएटर को शिकायतकर्ता को 18 प्रतिशत ब्याज के साथ अतिरिक्त राशि वापस करनी होगी। इसके साथ ही सरकार के उपभोक्ता कल्याण कोष में लगभग 13 लाख रुपये का भुगतान भी करना होगा।

तीन साल पहले एनएए में की थी शिकायत

तीन साल पहले हैदराबाद के दो निवासियों ने चैतन्यपुरी मेट्रो स्टेशन के पास शालिनी शिवानी थिएटर के खिलाफ नेशनल एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) में शिकायत दर्ज की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकायत में आरोप लगाया गया कि एडमिशन फीस पर जीएसटी में 18 से 12 फीसदी की कटौती के बाद थिएटर ने अपने बेस प्राइस में बढ़ोतरी की थी। थिएटर ने एग्जीक्यूटिव टिकट के दाम में 11.74 रुपये और गोल्ड कैटेगरी टिकट में 16.06 रुपये की अतिरिक्त राशि जोड़ी थी।

थिएटर मालिकों के मुताबिक, टिकटों से होने वाली कुल कमाई का 49.5 फीसदी डिस्ट्रीब्यूटर्स को जाता था और 50.5 फीसदी यानी 5.33 लाख रुपये कंपनी ने अपने पास रखा। कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने फिल्म देखने वालों को इसका लाभ नहीं दिया।

कैसे काम करता है एनएए

जीएसटी कानून के तहत पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं द्वारा अनुचित मुनाफाखोरी गतिविधियों की जांच करने के लिए एनएए जीएसटी कानून के तहत एक वैधानिक तंत्र है। इसका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि जीएसटी परिषद द्वारा की गई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कमी और इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ प्राप्तकर्ताओं को दिया जाए।

हाल ही में, NAA ने लार्सन एंड टुब्रो परेल प्रोजेक्ट LLP और ओंकार रियल्टर्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को मुंबई के क्रिसेंट बे प्रोजेक्ट में 850 निवेशकों को ब्याज के साथ होमबॉयर्स को 30.76 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया। खरीदारों ने शिकायत की थी कि उन्हें डेवलपर्स को किए गए जीएसटी भुगतान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का पूरा लाभ नहीं मिला है।