पिछले सप्ताह नागपुर एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किए गए तीन युवकों में से एक सैयद उमर फारूक हुसैनी परीक्षा में फेल होने के बाद इस्लामिक स्टेट में शामिल होने जा रहा था। 22 साल के हुसैनी के पिता ने बताया कि उसके बेटे को चचेरे भाई मोहम्मद अब्दुल्ला बासित और माज हुसैन फारूक ने आईएस में शामिल होने के लिए उकसाया। गौरतलब है कि बासित और माज को पिछले साल सितम्बर में पुलिस ने कोलकाता एयरपोर्ट से वापस भेजा था, ये दोनों आईएस में शामिल होने जा रहे थे।
उमर के पिता सैयद अजीजुल्लाह हुसैनी ने बताया कि बासित और माज के पकड़े जाने के बाद हम उनसे सारे रिश्ते तोड़ना चाहते थे लेकिन हम रिश्तेदार थे और पारिवारिक कार्यक्रमों, शादियों व त्योहारों पर मिलते थे। मेरे बेटे ने माज व बासित के पकड़े जाने पर उनका मजाक उड़ाया था। उसने उन्हें कहाकि वक भ्रमित हो गए हैं लेकिन वास्तव में उन्होंने उसे फंसा लिया। घर छोड़ने से दो दिन पहले 24 दिसंबर को उसका बीएससी सप्लीमेंटरी परीक्षा का रिजल्ट आया था जिसमें वह फिर से फेल हो गया था। पिछले साल जून में भी वह फेल हो गया था। उसने हमें नतीजों के बारे में नहीं बताया। वह जानता था कि मैं यह सुनकर नाराज हो जाउंगा और यह भी उसके भागने का कारण था। मुझे लगता है कि पिछले साल फेल हो जाने के बाद माज और बासित ने उसका ब्रेनवॉश कर दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि बासित ने भागने की योजना बनाई थी और अपने पिता के लॉकर से 90 हजार रुपये चुराए थे। उन्होंने सोचा कि एक बार श्रीनगर पहुंचने के बाद वे किसी उग्रवादी संगठन से संपर्क करेंगे जो उन्हें पाक अधिकृत कश्मीर ले जाएंगे और फिर वे अफगानिस्तान होते हुए आगे पहुंच जाएंगे। पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए तीनों युवकों पर आईपीसी की धारा 121, 121-ए, 121(बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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