Sambhal Violence Report: उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा लेकर न्यायिक आयोग ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें हैं। जैसे- हिंदू आबादी जो कभी संभल में 45 प्रतिशत हुआ करती थी, अब 15 फीसदी ही रह गई है।

संभल हिंसा की जांच रिपोर्ट के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट का समर्थन किया है। साथ ही कहा है कि क्षेत्र में कई अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी मॉड्यूल सक्रिय हैं और सीधे हिंसा से जुड़े हैं।

वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि संभल में कई अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल सक्रिय हैं और हिंसा से सीधे जुड़े हुए हैं, और ये सभी बातें जो मुझे पता चली हैं, वे रिपोर्ट में हैं, लेकिन मुझे अभी इस रिपोर्ट का अध्ययन करना बाकी है।

विष्णु शंकर जैन ने यह भी दावा किया कि रिपोर्ट से यह साफ होता है कि क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन से आजादी के बाद से हिंदुओं द्वारा सहन की गई पीड़ा का पता चलता है।

जैन ने कहा कि आजादी के बाद से संभल में जनसांख्यिकीय परिवर्तन उस बर्बरता को दर्शाता है, जिसे हिंदुओं को सहना पड़ा है। ऐसे 15 दंगे हुए हैं, जिनमें जातीय सफाया हुआ है। हिंदुओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। हाल ही में, आप सभी ने देखा कि सर्वे के बाद क्या हुआ, इस क्षेत्र में कई मंदिर और कुएं खोजे जा रहे हैं, यह साबित करता है कि संभल हमारे शास्त्रों के अनुसार एक पवित्र स्थल रहा है।

उन्होंने दावा किया कि पूरे क्षेत्र, विशेषकर हरिहर मंदिर को जबरन धर्मांतरित कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में कई अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी मॉड्यूल सक्रिय हैं।

इससे पहले गुरुवार को संभल हिंसा मामले की जांच के लिए नियुक्त तीन सदस्यीय पैनल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। 450 पन्नों की इस रिपोर्ट में नवंबर 2024 में हुई संभल हिंसा और शहर में हुए पिछले दंगों का भी ब्यौरा है।

रिपोर्ट में संभल में जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बारे में भी महत्वपूर्ण विवरण दिया गया है , जहां एक समय हिंदू समुदाय के सदस्य 45 प्रतिशत थे, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 15-20 से प्रतिशत रह गई है। रिपोर्ट के अनुसार, आजादी के समय संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55% आबादी मुस्लिम और 45% हिंदू थी। हालांकि, वर्तमान समय में हिंदू आबादी घटकर 15% रह गई है, जबकि मुस्लिम समुदाय बढ़कर 85% हो गया है।

यह भी पढ़ें- संभल की हिंदू आबादी में 30% की गिरावट, जाँच कमेटी ने सौंपी सीएम योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट

24 नवंबर 2024 को, संभल स्थित शाही जामा मस्जिद के भारतीय पुरातत्व सर्वे द्वारा अदालत के आदेश पर किए गए सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और अधिकारियों व स्थानीय लोगों सहित कई अन्य घायल हो गए। जैसे ही स्थानीय मुसलमान मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए और तनाव बढ़ा, पुलिस ने बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और अधिकारियों व स्थानीय लोगों सहित कई लोग घायल हो गए।

हिंसा के परिणामस्वरूप पुलिस पर छतों से पथराव करने के आरोप में 12 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया। आरोप पत्र के अनुसार, इस मामले में कुल 159 आरोपी थे। हिंसा के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल हिंसा की जांच के लिए एक त्रि-स्तरीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इस आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा, पूर्व डीजीपी एके जैन और पूर्व आईएएस अमित मोहन प्रसाद हैं।

यह भी पढ़ें- महिलाओं के अलावा पूर्व सैनिकों व दिव्यांगों को भी मिलेगा स्टांप शुल्क छूट का लाभ : योगी आदित्यनाथ