छठ का पर्व तो अब पूरे देश में मनाया जता है। लेकिन बिहार में इस पर्व की रौनक अलग ही रहती है। छोटे से लेकर हर बड़े तक के लिए यह अहम है। अगर बात राजनीतिक परिवारों की हो तो यह और भी खास हो जाता है। राज्य के सियासी परिवारों में मनाई जाने वाली छठ पर सबकी नजर रहती है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद वर्तमान परिस्थितियों में ‘सियासी दुश्मन’ हैं। चार दिन मनाए जाने वाले छठ के दूसरे दिन सर्किल रोड़ पर अलग ही नजारा देखने को मिला। राज्य के सीएम नीतीश औऱ पूर्व मुख्यमंत्री लालू का परिवार सर्किल रोड़ पर बने सरकारी आवास में रहता है। दोनों घरों में सिर्फ 150 मीटर की दूरी होगी। 7, सर्किल रोड़ पर बने नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास पर छठ पर्व के रस्मोरिवाजों की गूंज है। वहीं, लालू के परिवार में इस बार कोई भी छठ पूजा नहीं कर रहा है। लालू के सरकारी आवास 10, सर्किल रोड़ पर सन्नाटा पसरा रहा। वहां पर सिर्फ कुछ गार्ड्स ही थे।

जबकि राबड़ी देवी द्वारा छठ का आयोजन करना पूरे राज्य के लिए खास रहता था। इस मौके पर सभी लोग प्रसाद लेने आते थे। लोगों को प्रसाद बांटने के लिए लालू यादव भी लगे रहते थे। बीते साल राबड़ी देवी ने खराब तबीयत के बावजूद छठ का व्रत रखा था। इस मौके पर उनकी बेटियां भी अपने बच्चों के साथ मां की मदद के लिए पटना पहुंची थीं। लेकिन इस बार सन्नाटा छाया हुआ है।

लालू और राबड़ी के समर्थक इनके घर मनाए जाने वाले इस त्योहार को याद कर रहे हैं। राबड़ी ने तो पहले ही कह दिया था कि वह इस बार छठ नहीं मनाएंगी। लालू के परिवार में चल रहा विवाद इसका कारण है। तलाक की अर्जी दे चुके तेज को मनाने के लिए मां राबड़ी भी मिन्नतें कर चुकी हैं, लेकिन तेज अपनी जिद पर टिके हुए हैं।

वहीं राज्य के मुखिया नीतीश का आवास त्योहार पर गुलजार है। बीते दो दिनों से यहां पर लोगों का तांता लगा हुआ है। नीतीश के घर उनकी कैबिनेट के मंत्री, नेता और सीनियर अधिकारियों का आना जाना है। सभी को प्रसाद देने के लिए खुद नीतीश भी जुटे रहते हैं। इस साल नीतीश के घर पर उनकी पत्नी रेनू देवी, उनके साले अरुण कुमार और नीतीश के भतीजी छठ मना रही हैं।