भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। गुरुवार को ही उन्होंने अपना दो दिवसीय बंगाल दौरा शुरू किया था। यहां उन्होंने सबसे पहले आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए आदिवासी बहुल इलाके का ही दौरा किया। इसके बाद शाह का काफिला दौरे के दूसरे दिन मतुआ समुदाय के दरवाजे पर पहुंचा। उन्होंने पहले मतुआ समुदाय के मंदिर में पूजा की। फिर वहीं एक आदिवासी के घर में भोजन भी किया। माना जा रहा है कि शाह इस समुदाय को लुभाकर बंगाल विधानसभा चुनाव की अहम सीटों पर कब्जा जमाना चाहते हैं।
शाह जिस घर में खाना खाने पहुंचे वहां उन्हें केले के पत्ते पर खाना खिलाया गया और आठ व्यंजन परोसे गए। इनमें चना दाल, मूंग दाल, शुक्तो, पनीर की सब्जी, चटनी, रोटी और खीर खिलाई गई। गृह मंत्री के इस तरह आदिवासी के घर जाने का भी अहम मायने हैं। दरअसल, मतुआ समुदाय के लोग बांग्लादेश से शरणार्थी बनकर आए थे। बंगाल में इस समुदाय की आबादी एक करोड़ से ज्यादा है। बंगाल की 24 उत्तर परगना के आसपास की 10 विधानसभा सीटों पर इस समुदाय की बड़ी निर्णायक भूमिका रही है।
भाजपा की तैयारी आदिवासी बहुल इलाकों में जीत दर्ज करने की: बंगाल के आदिवासी बहुल जंगलमहल इलाके में भाजपा ने अच्छी पैठ बनाई है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 7 लोकसभा सीटें जीती थीं। इनमें बांकुरा, बिष्णुपुर, पुरुलिया, झारग्राम, मेदिनीपुर, बर्दमान-दुर्गापुर जैसी सीटें शामिल हैं। बांकुरा के दौरे से आदिवासी इलाकों की 125 सीटों पर भाजपा ने नजर जमाई है।
बताया गया है कि अमित शाह ने बंगाल चुनाव के लिए अभी से वोटरों को साधने की शुरुआत कर दी है। वे लगातार ममता सरकार पर भी हमले कर रहे हैं। एक दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार से बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है, उससे बंगाल की यह महान परंपरा आहत हुई है।