Taj Mahal: ताजमहल को लेकर हिन्दू महासभा का दावा है कि वो शिव मंदिर है। सोमवार (1 अगस्त) को हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने ताजमहल को शिव मंदिर मानकर उसकी परिक्रमा कर दी। इसके बाद आगरा पुलिस ने इन सभी लोगों को हिरासत में ले लिया। ताजमहल दुनिया की चर्चित इमारतों में से एक है। हिन्दू महासभा और कई अन्य हिन्दू संगठन कथित तौर पर इस बात का दावा करते आ रहे हैं कि ताज महल पहले शिव मंदिर हुआ करता था और आज भी उसके तहखाने में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखीं हैं।

ऐसा नहीं है कि ये पहला मौका है जब हिन्दू महासभा ने ताजमहल पर शिवमंदिर होने की बात कहकर पहली बार ऐसा किया हो। इसके पहले भी हिन्दू महासभा ने साल 2021 की महाशिवरात्रि पर भी प्रांतीय अध्यक्ष मीना दिवाकर ने ताजमहल परिसर में पहुंचकर भगवान शिव की पूजा की थी। हालांकि इस दौरान वहां तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें और उनके कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर यूपी पुलिस के हवाले कर दिया था।

पुरातत्व विभाग ने दिया RTI का जवाब

पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने इस बात को खारिज कर चुका है कि ताजमहल में कोई भी बंद कमरा नहीं है और यहां किसी भी देवी-देवता की मूर्ति नहीं है। इसके पहले पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने की डाली गई एक आरटीआई के जवाब में एएसआई आगरा ने बताया था कि ताजमहल में कोई भी बंद कमरा नहीं है। जिसके बाद साकेत गोखले ने ट्वीट कर इसके बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी।

दुनिया के 7 अजूबों में से एक है ‘Taj Mahal’

ताजमहल को लेकर पूरी दुनिया में कई तरह के दावे आए हैं। ताजमहल को दुनिया के 7 अजूबों में से एक माना जाता रहा है। कोई कहता है कि ये प्राचीन शिव मंदिर है। कोई कहता है कि इसे जयपुर के राजघराने का महल बताता है वहीं पिछले दिनों इस बीच एक नया मामला शुरू हो गया था कि ताजमहल के बंद पड़े 22 बंद खोले जाएं। इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका भी डाली गई थी, जिसे कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए खारिज कर दिया था।