हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष खीमी राम ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। राज्य के पूर्व मंत्री और डिप्टी स्पीकर राम ने कहा कि उन्हें उस पार्टी में शामिल होने पर गर्व है, जिसने देश को आजादी दिलाने में मदद की।

खीमी राम ने कहा, ‘मैं भाजपा के प्रति किसी गुस्से के कारण कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहा हूं। मैंने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को आगे ले जाने के लिए सोच-समझकर फैसला लिया है। राम ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने में सक्षम होगी, क्योंकि बहुत सारे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और पेंशन योजना से संबंधित कर्मचारियों सहित लंबित मुद्दे हैं।

उन्होंने कहा, “हम इन मुद्दों को राज्य के लोगों के सामने लाएंगे और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में मदद करेंगे।” हिमाचल प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी राजीव शुक्ला ने कांग्रेस में उनका स्वागत किया और कहा कि यह राज्य में चल रही हवाओं का संकेत है।

पूर्व मंत्री खीमीराम शर्मा ने 2003 से 2012 तक दो बार कुल्लू जिले के बंजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्य किया। 2007 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे। बाद में उन्हें हिमाचल भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2011 में वे वन मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में रहे। 2012 के चुनाव में वह कांग्रेस के स्वर्गीय कर्ण सिंह से हार गए। वर्ष 2017 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। खीमी राम सहित कई बड़े नेताओं को भाजपा ने दरकिनार कर दिया गया। 1 सितंबर, 2021 को खीमीराम ने अपने समर्थकों की मांग पर एक बैठक आयोजित करके 2022 का चुनाव हर हाल में लड़ने की बड़ी घोषणा की थी।