हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल खत्म होती दिख रही है। कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सभी मतभेद दूर हो गए हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने बजट पर मतदान के दौरान सदन में अनुपस्थित रहने पर कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के सामने गहराए सियासी संकट को टालने में महासचिव प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई। सुक्खू सरकार बचाने के लिए प्रियंका गांधी ने खुद कमान सभाली और वीरभद्र परिवार से सीधे बातचीत की। प्रियंका लगातार पर्यवेक्षकों के संपर्क में भी रहीं।

हिमाचल कांग्रेस पर आए संकट के बाद कांग्रेस आलाकमान सक्रिय हुआ। हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सक्रिय हो गए। इसी बीच प्रियंका गांधी सक्रिय हुईं और खड़गे से बातचीत की और इस बात की कमान संभाली कि बागी विधायकों की टोली किसी भी तरह वीरभद्र परिवार से न जुड़ने पाए।

वीरभद्र परिवार से की बातचीत

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी ने विक्रमादित्य और प्रतिभा सिंह से फोन पर बातचीत की और उन्हें पुराने रिश्तों का हवाला दिया। प्रियंका ने समझाया कि आप मुख्यमंत्री से नाराज हैं तो अपनी बात कहिए। आप की बात को सुना जाएगा और समस्या को सुलझाया जाएगा। बस, पार्टी से बाहर जाने की या सरकार गिराने की न सोचें क्योंकि विक्रमादित्य हिमाचल में कांग्रेस का भविष्य हैं।

प्रियंका गांधी ने पूरी बातचीत के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को जानकारी दी, जिन्होंने डीके शिवकुमार समेत पर्यवेक्षकों को इस बारे में निर्देश दिए। इस बीच प्रियंका लगातार प्रभारी राजीव शुक्ल से संपर्क में रहकर हालात की जानकारी लेती रहीं और जरूरत पड़ने पर दिशानिर्देश देती रहीं।

आंतरिक मामलों को सुलझाने के लिए समन्वय समिति

डीके शिवकुमार ने यह भी कहा कि सभी आंतरिक मामलों को सुलझाने के लिए एक समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। शिवकुमार ने ये बातें संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहीं, जिसमें दो अन्य केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा और भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह भी शामिल थीं।

शिवकुमार ने कहा कि सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की हार की जिम्मेदारी ली है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हिमाचल में कार्यकाल पूरा करेगी। जब पत्रकारों ने जोर देकर यह सवाल पूछा कि क्या सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो उन्होंने कहा, “जब सुक्खू मुख्यमंत्री हैं तो आप काल्पनिक सवाल क्यों पूछ रहे हैं।”

शिवकुमार ने यह भी कहा कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सुक्खू, पार्टी विधायकों और प्रदेश इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह से बात की है और सभी मतभेद दूर कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा, “सभी विधायकों ने पार्टी और सरकार को बचाने के लिए मिलकर काम करने का आश्वासन दिया है और संकल्प लिया है।” पर्यवेक्षकों ने कहा कि लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह शाम को कैबिनेट बैठक में भाग लेंगे।

सीएम सुक्खू को हटाने पर अड़ा था वीरभद्र परिवार

वीरभद्र परिवार सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम पद से हटाने पर अड़ा था। ऐसे में प्रियंका ने उनको समझाया कि फौरन सीएम बदलने से अच्छा सन्देश नहीं जाएगा। फिलहाल विक्रमादित्य को फ्री हैंड और सरकार-संगठन के बीच समन्वय समिति का गठन कर दिया जाएगा। प्रियंका ने भरोसा दिया कि फिलहाल सुक्खू को सीएम पद पर रहने दें। पार्टी की छवि के लिए जरूरी है। साथ ही उन्होंने ये भी भरोसा दिया कि अगले कुछ दिन में परिस्थितियों में बदलाव भी दिखेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भविष्य में सीएम बदलने में हमको गुरेज नहीं है।