हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू जिले में बुधवार को बादल फटने से लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया। बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आ गई और इसके कारण चार लोगों की मौत हो गई। हालांकि अभी भी तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत बचाव कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी जुटी हुई है।

4 शव हुए बरामद

प्रशासन ने अभी तक 4 शव बरामद कर लिए हैं और तीन अन्य लोगों को खोजा जा रहा है। जिन चार लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो उत्तर प्रदेश, एक हिमाचल और एक जम्मू कश्मीर का है। इस घटना पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में हर भाजपा कार्यकर्ता नागरिकों की सेवा में समर्पित है।

अस्थायी श्रमिक कॉलोनी में फंसे थे मजदूर

कांगड़ा जिले में इंदिरा प्रियदर्शिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट साइट के पास एक अस्थायी श्रमिक कॉलोनी बनाई गई थी। इसमें 250 से अधिक मजदूर ठहरे हुए थे। भारी बारिश के कारण आसपास की छोटी नदियों का पानी अचानक कॉलोनी की तरफ मुड़ गया और कई लोग इसमें बह गए।

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लोगों ने बताई आपबीती

वहीं बादल फटने के बाद प्रशासन ने कई लोगों को रेस्क्यू भी किया l। इसके बाद रेस्क्यू किए गए लोगों ने अपनी आपबीती बताई। समाचार चैनल आजतक की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला जिसका नाम लवली है, उसने बताया कि हमारे कैंप में 13 लोग थे जैसे ही बाढ़ आई, तुरंत 5 लोग पहाड़ियों की ओर भागे जबकि बाकी बह गए। वहीं हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में काम करने वाले मजदूर दया किशन ने बताया कि हमने बाढ़ को आते देखा और सुरक्षित स्थान पर भागने से पहले नीचे के लोगों को सचेत करने के लिए चिल्लाया।

इस पूरी घटना पर धर्मशाला की एसपी शालिनी अग्निहोत्री का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मौसम और कठिन परिस्थितियों के बावजूद हमारी टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है। वहीं एनडीआरएफ की कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने बताया कि वह उन लोगों को पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके बह जाने की आशंका है।