हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला नगर निगम के भाजपा पार्षदों ने अपनी ही पार्टी की मेयर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दर्जन भर से ज्यादा पार्षदों ने राज्य के शिक्षा मंत्री और स्थानीय विधायक सुरेश भारद्वाज को पत्र लिखकर मेयर कुसुम सदराते को अविलंब हटाने की मांग की है। पार्षदों ने कुसुम पर मनमाने तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। संजौली से बीजेपी पार्षद शैलेंद्र चौहान ने कहा, ‘हमलोग सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षद हैं। मेयर मनमाने तरीके से काम कर रही हैं।’ बीजेपी की ही एक महिला पार्षद ने भी मेयर के प्रति असंतोष जताया। उन्होंने कहा, ‘विकास कार्य की रफ्तार धीमी पड़ गई है। हमलोग उन मतदाताओं के प्रति जवाबदेह हैं, जिन्होंने हमें चुना और हमारा समर्थन किया।’ शिमला में गंभीर जल संकट को लेकर भी मेयर कुसुम की तीखी आलोचना की जा रही है। बताया जाता है कि पूरा शहर जब पेयजल संकट से जूझ रहा था, उस वक्त शिमला की मेयर एक सप्ताह के स्टडी टूर के लिए चीन की यात्रा पर चली गई थीं। हालांकि, कुसुम सदराते ने अपनी ही पार्टी के पार्षदों के आरोपों को खारिज किया है। मेयर ने कहा, ‘मैं शहर के विकास के लिए जो भी संभव है वो कर रही हूं। मैं अपने प्रत्येक पार्षद का सहयोग कर रही हूं। जो भी बन पा रहा है, मैं कर रही हूं। मुझे पार्टी और संगठन का पूरा समर्थन प्राप्त है।’ बता दें कि शिमला की मेयर कुसुम को आरएसएस का समर्थन हासिल है।
बीजेपी ने पिछले साल शिमला नगर निगम पर 34 साल बाद कब्जा किया था। भाजपा को 34 सदस्यीय सदन में 17 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस को 14 और एक-एक सीटें माकपा एवं निर्दलीय के खाते में गई थी। निर्दलीय पार्षद राकेश शर्मा ने भाजपा का समर्थन करने का फैसला किया था, जिससे बीजेपी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो गया था। राकेश को डिप्टी मेयर का पद दिया गया था। शिमला में गंभीर जल संकट के समय मेयर की गैरमौजूदगी को मुद्दा बनाकर विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला था। पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था। बीजेपी के कई पार्षदों ने भी अपने ही मेयर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया था। माकपा ने बीजेपी के नेतृत्व वाले शिमला नगर को पूरी तरह से असफल करार दिया है। माकपा नेता और शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम अपने दायित्वों का निर्वाह करने में पूरी तरह से विफल रहा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है।