(Written by Om Prakash Thakur)
Himachal Pradesh Assembly Election 2022– भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को हिमाचल प्रदेश में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में वह खुद प्रदेश में पार्टी के बीच चल रही बगावत को शांत कराने उतरे हैं। यहां तक कि उन्हें अपने गृह जिले हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में व्यक्तिगत रूप से कार्यभार संभालना पड़ा है। बगावत करने वाले कई नेता अभी भी मैदान में हैं जिनमें नड्डा के कई करीबी नेता भी शामिल हैं।
बिलासपुर जिले में चार निर्वाचन क्षेत्र हैं। जिनमें से तीन पिछली बार भाजपा ने और एक कांग्रेस ने जीते थे। बिलासपुर सदर और झंडुता (एससी) सीटें जहां भाजपा के बागी उम्मीदवार दिखाई दे रहे हैं। यहां भाजपा ने पिछले चुनाव में 6,862 और 5,060 मतों से जीत हासिल की थी । तीसरी सीट घुमारवीं में पार्टी ने 10,435 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस ने सिर्फ 1,142 मतों के कम अंतर से श्री नैना देवीजी सीट जीती थी।
भाजपा के बागियों में नड्डा के वफादार सुभाष शर्मा भी हैं जो टिकट कट जाने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने शर्मा की जगह नड्डा के एक अन्य वफादार और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जामवाल को मैदान में उतारा है। बिलासपुर सदर के मौजूदा विधायक भाजपा के सुभाष ठाकुर हैं, जिन्हें नड्डा का करीबी माना जाता है।
शर्मा के खेमे का कहना है कि भाजपा की कोर कमेटी के हिस्से के रूप में जामवाल एक संगठन के व्यक्ति हैं इसलिए उन्हें टिकट नहीं दिया जाना चाहिए था। इसके अलावा वह एक “बाहरी” है जो मूल रूप से झंडुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से है।
भाजपा बिलासपुर मंडल के अध्यक्ष हंस राज ठाकुर का कहना है कि नड्डा सहित पार्टी ने भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य सुभाष शर्मा को मनाने की पूरी कोशिश की लेकिन असफल रहे। वह बताते हैं कि शर्मा ने पिछले चार वर्षों में बिलासपुर सदर जाने की जहमत तक नहीं उठाई।
राज कुमार कौंडल भाजपा के एक अन्य बागी हैं जो मैदान में उतरे हुए हैं। वह पार्टी के पूर्व विधायक रिखी राम कौंडल के बेटे हैं। कौंडल झंडुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कौंडल के बेटे उत्कर्ष का कहना है कि भाजपा नेताओं ने नामांकन वापस लेने के लिए उनसे संपर्क किया था लेकिन समर्थकों ने उनके पिता को चुनाव लड़ने के लिए “मजबूर” किया है। झंडुट्टा से बीजेपी के मौजूदा विधायक जीत राम कटवाल हैं।
वहीं कांग्रेस अपने उम्मीदवार विवेक कुमार के सामने सीट से अपने बागी पूर्व विधायक बीरू राम किशोर को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने में कामयाब रही है। किशोर पिछली बार झंडुता विधानसभा से हार गए थे।
नड्डा हिमाचल में टिकट बांटने से लेकर हर चुनावी गतिविधि से जुड़े हुए हैं। अगले कुछ दिनों में 10 नवंबर तक पहले चरण का प्रचार खत्म होने तक नड्डा हिमाचल में कई रैलियां करेंगे।