Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में चुनावी दंगल शुरू हो चुका है। राज्य में 12 नवंबर को चुनाव होंगे और परिणाम 8 दिसंबर 2022 को आएंगे। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य की जिस सिराज सीट पर सीएम जयराम ठाकुर का दबदबा रहा है क्या मुख्यमंत्री वहां जीत का ‘सिक्सर’ लगा पाएंगे?
पंडोह से कांडा तक की सड़क धूल भरी है। कुछ हिस्सों में पत्थर बिखरे हुए हैं और दूसरे हिस्से को जेसीबी द्वारा चौड़ा किया जा रहा है। इस सड़क पर यात्रा करना कष्टदायी और समय लेने वाला है क्योंकि गाड़ियां केवल धीमी गति से ही चल सकती हैं। इस सबके बावजूद क्षेत्र के मतदाता पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर को कोई दोष नहीं दे रहे हैं, जो अब छठी बार फिर से चुनाव मैदान में उतरे हैं। जयराम ठाकुर ने 1998 से इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है और मंडी जिले से हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री हैं।
50 साल का काम 5 साल में कर दिया: गांव बड़ा के निवासी लालमन कहते हैं, ”पचास साल का काम पांच साल में कर दिया है।” उनका कहना है कि सड़क की खराब स्थिति इसलिए है क्योंकि कोविड महामारी के दौरान ठेकेदार भाग गया। लालमन ने आगे कहा कि एक नए ठेकेदार ने अब काम लिया है और उम्मीद है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। लालमन कहते हैं, “जयराम ठाकुर पूरे इलाके को जानते हैं। आपको बस उन्हें बताना है कि क्या करने की जरूरत है और वह करते हैं।
77 वर्षीय लालमन घाटी में एक पर्वत श्रृंखला पर निर्माणाधीन सड़क नेटवर्क की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि यह सब सीएम द्वारा किया गया था। और कौन इसे पूरा कर सकता था? इसमें बहुत पैसा खर्च होता है। यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री अक्सर अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करते हैं, लालमन कहते हैं, “वह जितनी बार कर सकते हैं यहां आते हैं। उनकी जिम्मेदारी बड़ी है। यहां सीएम के आदमी उनके लिए काम करते हैं। वह हमें कहते हैं कि शिमला में मिलने और काम करने के लिए कहने की जरूरत नहीं है। सब यहां ही किया जाएगा।
लोग कभी संतुष्ट नहीं होते: बेरोजगारी निर्वाचन क्षेत्र में एक मुद्दा है, कई लोग अभी भी फुल टाइम जॉब की तलाश में हैं। 60 वर्षीय किसान कृष्ण कहते हैं, हालांकि सीएम ने बहुत कुछ किया है लेकिन बहुत कुछ करने की जरूरत है। उनका कहना है, “लोग कभी संतुष्ट नहीं होते। यह एक कठिन क्षेत्र है। हम मटर, आलू, ज्वार और गेहूं उगाते हैं। सर्दियों में इस क्षेत्र को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बिजली की आपूर्ति आम तौर पर अच्छी होती है। चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। पानी की आपूर्ति एक मुद्दा है।”