Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर 2022 को मतदान होगा। वहीं 8 दिसंबर तो वोटों की गिनती होगी। राज्य में सिर्फ एक चरण में चुनाव होगा।हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है। इन सबके बीच अगर NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प की बात करें तो हिमाचल विधानसभा चुनाव 2017 में NOTA बेअसर रहा था।
पिछले चुनाव परिणामों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने पिछले चुनाव में यहां बीजेपी ने 44 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस के हिस्से में 21 विधानसभा सीटें आई थीं। एक सीट सीपीएम को और दो सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। बीजेपी की जीत के बाद जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बनाए गए थे। 2017 के चुनावों में हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में से 12 सीटों पर ईवीएम मशीन पर NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प तीसरे स्थान पर रहा था। यहां एक फीसदी वोटर्स ने भी नोटा का विकल्प नहीं दबाया था।
हिमाचल में 37.84 लाख मतदाताओं में से 34,232 (लगभग 0.90%) मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था। 2017 के हिमाचल चुनावों में नोटा का वोट शेयर भाजपा (48.79%), कांग्रेस (41.68%) और सीपीआई (एम) (1.47%) के बाद चौथा था।
प्रचार-प्रसार में जुटी पार्टियां: वहीं, हिमाचल प्रदेश में गुरुवार (3 नवंबर) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने-अपने प्रत्याशी के लिए जनसभा की। रक्षा मंत्री ने जयसिंहपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में सारे राजनीतिक दल सब कुछ कहने को कहते हैं, बीजेपी जो कहती है, वह करती है।
अरविंद केजरीवाल ने सोलन में रोड शो कर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया। जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बार आम आदमी पार्टी को एक मौका दें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता के पास अभी तक कोई विकल्प नहीं था, लेकिन अब आप एक ईमानदार विकल्प है। सीएम ने कहा कि बीजेपी-कांग्रेस की आपस में सहमति है इसलिए हिमाचल पिछड़ा रह गया।