उत्तर प्रदेश में तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भाजपा, सपा और बसपा पर पार्टी कार्यालय के लिए अवैध रूप से बंगला कब्जाने का आरोप है। इस बबात इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दायर की गई है। इसमें बताया गया है कि तीनों पार्टियों ने लखनऊ में सरकारी बंगला को पार्टी दफ्तार बना लिया है। कोर्ट ने सोमवार (18 सितंबर) को याचिकाकर्ता को पूरक शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके लिए तीन दिन की समयसीमा निर्धारित की गई है। 20 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई होगी। जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने मोतिलाल यादव की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। यह याचिका मोतीलाल यादव की ओर से दायर की गई है।

याचिकाकर्ता मोतिलाल यादव ने अपनी याचिका के माध्यम से कहा कि, “राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके में स्थित सरकारी बंगलों को तोड़कर इन्हें अपने पार्टी ऑफिस में मिला लिया गया है। ये सभी बंगले इन पार्टी दफ्तर के आसपास मौजूद थे। इस पूरे प्रकरण की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। इन बंगलों को  पार्टी कार्यालयों में मिला लेने संबंधी सरकार के आदेश को रद किया जाए। बंगलों को फिर से पहले की स्थिति में लाया जाए। इस काम में जितन भी खर्च हो, उसकी वसूली राजनीतिक पार्टियों से की जाए।”

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि, “सभी पार्टियों ने अपने-अपने शासन काल में सत्ता का दुरूपयोग करते हुए पार्टी कार्यालय के आसपास स्थित बंगले को कार्यालय में मिला लिया, जो कि गलत है। कानूनन राष्ट्रीय पार्टियों को कार्यालय के लिए सिर्फ एक टाईप 6 और क्षेत्रीय पार्टियों को टाईप 5 का बंगला मिल सकता है। लेकिन यहां सभी पार्टियों ने कानून का उल्लंघन किया है। गैरकानूनी और अपनी मर्जी से उठाया हुआ कदम है।” इस पूरे मामले को लेकर याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष कुछ कागज भी प्रस्तुत किए। हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ता सभी कागज शपथपत्र पर दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 सितंबर निर्धारित की गई है।