झारखंड में सियासी संकट लगातार बरकरार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने विधायकों की टूट का डर इस कदर सता रहा है कि वह विधायकों को अपने साथ रांची एयरपोर्ट लेकर पहुंचे। बताया जा रहा है कि महागठबंधन के विधायकों को रायपुर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। एमएलए को एयरपोर्ट पहुंचाकर हेमंत सोरेन वापस लौट गए हैं। उन्होंने कहा कि वह भी रायपुर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटने वाली है। हम हर चीज के लिए तैयार हैं, स्थिति हमारे नियंत्रण में है। चार्टेड बस के द्वारा विधायकों को रांची एयरपोर्ट ले जाया गया। यहां से चार्टेड प्लेन के जरिए विधायकों को रायपुर ले जाया गया। इंडिगो की स्पेशल फ्लाइट में करीब 45 विधायकों के लिए टिकट बुक की गई थी।
बताया जा रहा है कि गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग है, जिसमें हेमंत सोरेन और कैबिनेट के मंत्री मौजूद रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झारखंड में छाए रानीतिक संकट को देखते हुए विधायकों को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जा रहा है। रायपुर में विधायकों के लिए एक रिजॉर्ट बुक किया गया है और उसे हाई सिक्योरिटी जोन में तब्दील कर दिया गया है। विधायकों को एयरपोर्ट पर सीऑफ करके मुख्यमंत्री वापस लौट गए हैं और उन्होंने कहा कि वह भी छत्तीसगढ़ जाएंगे।
हेमंत सोरेन की झामुमो का मानना है कि बीजेपी महाराष्ट्र की तरह ही झारखंड में भी सरकार गिराने के लिए उसके और कांग्रेस के विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश कर सकती है, इसलिए विधायकों को सुरक्षित जगह पर रखने की आवश्यकता है।
लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की भारतीय जनता पार्टी की याचिका के बाद निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है। हालांकि, निर्वाचन आयोग के फैसले को फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस बात को लेकर चर्चा है कि मुख्यमंत्री को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई है। तब से राजभवन ने इस मामले में कोई घोषणा नहीं की है।