हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिलाओं के साथ रेप को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिस पर राजनीति तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि काफी समय तक महिलाएं साथ रहती हैं और जब अनबन होता है तो वे रेप का केस कर देती हैं। उन्होंने कहा, “रेप पहले भी होते थे। आज भी होते हैं। लेकिन चिंता बड़ी है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि घटनाएं रेप या छेड़खानी की हो, यह 80 से 90 प्रतिशत जानकारों के बीच में होती है। एक-दूसरे को जानते हैं। बहुत सी घटनाएं ऐसी होती है, जिसमें काफी समय तक इकट्ठे घूमते रहते हैं। एकदम थोड़ी सी अनबन हो गई तो उस दिन रेप का एफआईआर दर्ज करवा देते हैं कि इसने मुझसे रेप किया।” खट्टर के इस बयान पर सियासत तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर भी यह वीडियो वायरल हो रहा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार (17 नवंबर) को कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने बलात्कार के संदर्भ में ”महिला विरोधी” टिप्पणी की है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। सुरजेवाला ने ट्विटर पर खट्टर के एक कथित बयान का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, ”महिला विरोधी-खट्टर सरकार,करे बेटियों का तिरस्कार! हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर जी की निन्दनीय टिप्पणी।” कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने दावा किया, ” खट्टर जी ने कहा है- बलात्कार की अधिकतम घटनायें उनके साथ होती हैं जो बाहर उठती-बैठतीं व घूमती-फिरतीं है। बढ़ते रेप व गैंगरेप की घटनाओं का दोष महिलाओं के चरित्र पर मढ़ना बेहद शर्मनाक।” उन्होंने कहा कि अपने इस बयान के लिए खट्टर को माफी मांगनी चाहिए। मामला तूल पकड़ने के बाद खट्टर ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मैंने सहमति नहीं कहा, मैंने पहचान की बात कही है। ये मेरी ओर से कही गई बात नहीं है। ये जांच के बाद आया फैक्ट है। इससे समाजिक तौर पर निपटना चाहिए। इसमें राजनीति नहीं देखनी चाहिए।”

यह पहली बार नहीं है जब मनोहर लाल खट्टर ने रेप को लेकर विवादित बयान दिया है। इससे पहले एक बार उन्होंने कहा था कि, “लड़कियों को रेप से बचने के लिए ढ़ंग से कपड़े पहनने चाहिए।” वहीं, इसी साल सितंबर महीने में हरियाणा की भाजपा विधायक प्रेमलता ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि, “जिन युवाओं के पास रोजगार नहीं होते, वे निराश हो जाते हैं और ऐसे अपराध (बलात्कार) करते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)