हरियाणा में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपनी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन करेगी या नहीं। हालांकि, पार्टी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ राज्य भर में बैठकों की योजना से शरुआत में ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे कि वह इस बार जेजेपी के साथ चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है।
कई भाजपा नेताओं ने भी इस बात के संकेत दिए कि पार्टी की राज्य इकाई इस बार अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में है, लेकिन फिर भी कई लोगों को ऐसी उम्मीद है कि पार्टी जेजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है। जून महीने में राज्य में हुए नगर निगम चुनावों के दौरान भी बीजेपी ने यह घोषणा की थी कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी, लेकिन भाजपा ने सीट बंटवारे की व्यवस्था में जजपा के साथ गठबंधन कर लिया था।
उस समय 46 नगर पालिकाओं में से 22 सीटें बीजेपी के पास थीं, जबकि जेजेपी को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं। ऐसे में ये नतीजे बीजेपी को अकेले चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं क्योंकि राज्य की लगभग 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। यह चुनाव लगभग 6,228 सरपंच और ब्लॉक समितियों में 62,022 पदों के लिए हो रहे हैं। ऐसे में 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टियों की लोकप्रियता का परीक्षण करने के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, कई लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आखिरकार बीजेपी, जेजेपी के साथ जाएगी, ताकि उनके वोट विभाजित ना हों।
इन चुनावों के मद्देनजर 24 अगस्त को बीजेपी ने नई दिल्ली में अपने हरियाणा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में मैराथन बैठकें की थीं, जिनमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सांसदों और विधायकों सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान धनखड़ ने कहा कि जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा कि जजपा के साथ गठबंधन करना है या नहीं। धनखड़ ने कहा, “चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद पार्टी चुनाव समिति इस पर निर्णय लेगी।”
उधर, जेजेपी ने भी आगामी चुनावों को लेकर अपना मैदान तैयार करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने सभी जिलों में प्रतिनिधियों को नियुक्त कर दिया है, जिसमें दुष्यंत चौटाला, भाई दिग्विजय और पिता अजय सिंह व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दैनिक बैठकें कर रहे हैं।
गठबंधन को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बीजेपी और जजपा दोनों ने अभी यह तय नहीं किया है कि वे पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी पार्टी के खिलाफ फैसला करती है तो गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता।