लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में मंगलवार दोपहर अचानक हुए बड़े उलटफेर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके साथी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसके बाद नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। इस सबके बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को बदलने के लिए पहले ही सलाह दी थी। इससे पहले हिसार से बीजेपी सांसद और बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। रविवार को इस्तीफे के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को बदलने के लिए पहले ही कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को सलाह दी थी लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। जींद के उचाना में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री को एक साल पहले बदलते तो भाजपा को लाभ होता क्योंकि अब तो आचार संहिता लगने वाली है और लोकसभा का चुनाव होने वाला है। मतदाता लगभग छह महीने पहले ही मतदान करने के लिए अपना मन बना लेता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तो मुख्यमंत्री बदलने के लिए पहले ही कई बार पार्टी के नेताओं को सलाह दी थी लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी और अब जाकर फैसला किया है।’’
अभी भाजपा में ही हैं- बीरेंद्र सिंह
भाजपा छोड़ने के सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी वह पार्टी में ही हैं और जब भी अलग होंगे तो इसकी घोषणा करेंगे। हरियाणा में मंगलवार को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नायब सैनी के साथ 5 अन्य नेताओं ने मंत्रीपद की शपथ ली।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा-जेजेपी गठबंधन टूटने की मुख्य वजह दुष्यंत चौटाला की तरफ से दो सीटें मांगना है। बीजेपी आला नेतृत्व एक सीट देने की बात मानने को तैयार था लेकिन दुष्यंत दो सीटों पर अड़े थे। बीजेपी प्रदेश नेतृत्व 10 सीटों पर लड़ना चाहती थी क्योंकि सभी सीटों पर उसके सांसद हैं।
वर्तमान में, 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक और जजपा के 10 विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है। 41 सीटों वाली भाजपा को सरकार बनाने के लिए 5 और सीटों यानी 46 सीटों की जरूरत होगी। कहा जा रहा है कि 5 निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे रहे हैं।