हरियाणा निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन के हाथ कामयाबी तो लगी है, लेकिन सीएम खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत के गढ़ में हार का सामना करना पड़ा है। सीएम मनोहर लाल के जिले करनाल में चार नगर पालिकाओं में से सिर्फ एक घरौंडा पालिका में बीजेपी का चेयरमैन कैंडिडेट जीत पाया, वह भी केवल 31 वोट से। अभय चौटाला अपने विधानसभा सीट ऐलनाबाद में नगर पालिका की सीट नहीं जीत सके।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उचाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं। उचाना नगर पालिका में जेजेपी उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा। नरवाना में जजपा का उम्मीदवार छठे नंबर पर रहा। चौटाला परिवार के गृह हलके मंडी डबवाली नगर परिषद सीट पर पार्टी उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा। टोहाना में जेजेपी उम्मीदवार जीत नहीं सका और दूसरे स्थान पर रहा।

ऐलनाबाद में अभय चौटाला का जादू नहीं चला है। अभय चौटाला अपने विधानसभा सीट ऐलनाबाद में नगर पालिका की सीट नहीं जीत सके। पिछले निकाय चुनावों में आईएनएलडी के पास न तो कोई नगर परिषद पर कब्जा था और न ही नगर पालिका पर कब्जा था। अबकी बार पार्टी पहली बार डबवाली नगर परिषद और रानियां नगर पालिका का अध्यक्ष पद का चुनाव जीत सकी।

जानिए कौन, कहां जीता
हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी ने जेजेपी के साथ गठबंधन में 46 नगर निकायों में से 27 पर जीत दर्ज की है। इनमें से बीजेपी के खाते में 22, जेजेपी को तीन और दो समर्थित को विजय हासिल हुई है। 18 नगर परिषद सीटों में से बीजेपी 10 और जेजेपी 1 जीतने में कामयाब रही।

वहीं, नगर पालिका में बीजेपी ने 12, जेजेपी ने 2 और दो समर्थित ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता है। वहीं हर‍ियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी उम्मीदवारों ने उन 12 सीट पर जीत दर्ज की, जो उस क्षेत्र में आती हैं, जहां के विधायक विपक्षी दल कांग्रेस से हैं।

हरियाणा में हुए नगर परिषद चुनावों के लिए मतगणना के बाद स्थिति साफ हो गई है। 18 नगर परिषदों में से इस बार 10 के अध्यक्ष पद पर बीजेपी ने परचम लहराया है। इनमें गोहाना, जींद, झज्जर, बहादुरगढ़, चरखी दादरी, कालका, सोहना, फतेहाबाद, कैथल, पलवल में पार्टी के उम्मीदवार जीते हैं।
वहीं हांसी, नरवाना, नारनौल, टोहाना, भिवानी, होडल में निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। नूंह में अध्यक्ष पद पर जेजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। मंडी डबवाली में आईएनएलडी समर्थित अध्यक्ष पद पर जीता है।

अगर पिछले बार के चुनाव पर नजर डालें तो 13 नगर परिषदों के अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा था। जबिक, इस बार तीन निकायों में नुकसान हुआ है। वहीं कांग्रेस को पिछली बार चार निकायों में जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस ने पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा, प्रत्याशियों को सिर्फ समर्थन ही दिया है। वहीं कालका में पहली बार चुनाव हुआ है।

वहीं 28 नगर पालिकाओं में से 16 में सत्तारूढ़ गठबंधन बीजेपी-जेजेपी के प्रत्याशी अध्यक्ष चुने गए। इनमें से 12 बीजेपी और 2 जेजेपी और दो समर्थित के खाते में गए हैं। 5 नगर पालिकाओं में कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अध्यक्ष पद का चुनाव जीते। 5 नगर पालिकाओं में अध्यक्ष का ताज निर्दलीय के सिर सजा। आम आदमी पार्टी और आईएनएलडी के कैंडिडेट भी एक-एक नगर पालिका में अध्यक्ष चुने गए।

आम आदमी पार्टी ने सबसे छोटे निकाय-इस्माइलाबाद में चेयरमैन का चुनाव जीता है, लेकिन कई शहरों में उनके उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बची। इसके बावजूद सोहना, कुंडली, भिवानी, कैथल, जींद, पलवल, घरौंडा, पिहोवा व लाडवा नगर परिषद/पालिका में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों वोट जरूर मिले। जिससे पार्टी को कुछ उम्मीद जरूर जागी।

वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विजेता उम्मीदवारों को ट्वीट कर बधाई दी। खट्टर ने एक ट्वीट में कहा क‍ि स्थानीय निकाय चुनाव जीतने वाले बीजेपी के सभी उम्मीदवारों को बधाई। आपकी यह जीत लोगों के विश्वास की जीत है जो 2014 और 2019 से लगातार बीजेपी के प्रति दिखाई दे रही है। यह जीत पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं को समर्पित है।