Manohar Lal Khattar: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को 131 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के आठ एजेंडे को मंजूरी दी। इनमें लोक निर्माण विभाग व जनस्वास्थ्य विभाग की दो- दो तथा फरीदाबाद मेट्रोपोलियन विकास अथॉरिटी की तीन परियोजनाएं शामिल हैं।

जलभराव से रोहतक शहर को मिलेगी निजात

मुख्यमंत्री ने पेयजल की निर्बाध उपलब्धता के लिए हांसी शाखा से डालमवाला, बोहटवाला, खोखरी, हैबतपुर और मांडो सहित जींद के पांच गांवों के लिए 13 करोड़ रुपये से अधिक के नहर आधारित जल कार्यों को मंजूरी दी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने गुरुनानक पुरा में नए डिस्पोजल के निर्माण और लगभग 23.75 करोड़ रुपये की लागत से चेयरमैन रोड, रोहतक में गुरुनानक पुरा डिस्पोजल से जसिया नाले तक जलभराव से निजात के लिए एचडीपीई पाइपलाइन बिछाने की मंजूरी दी।

तीन रैनी वैल पेयजल योजनाओं को मंजूरी

फरीदाबाद मेट्रोपोलियन विकास अथॉरिटी (FMDA) द्वारा स्थापित की जाने वाली रैनी वैल आधारित 3 पेयजल योजनाओं की मंजूरी दी गई. इन तीनों पेयजल परियोजनाएं 10-10 MLD क्षमता की होंगी जो यमुना नहर के साथ लगते गांव भिकुला, मोथूका में लगाई जाएंगी. इस प्रोजेक्ट पर 51.5 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च होगी।

इन योजनाओं पर भी होगा काम

FMDA द्वारा लगभग 16 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाने वाली सेक्टर 14/ 15, व 16/ 17 की मास्टर रोड़ बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं रेवाड़ी शहर के सेक्टर 7 में पेयजल, सीवरेज और अंदर की सड़कों की हालत सुधारी जाएगी। इन कार्यों पर लगभग साढ़े 9 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। गुरुग्राम- फरुखनगर- झज्जर फोरलेन सड़क मार्ग के सुधारीकरण की भी स्वीकृति प्रदान की गईं हैं। इस कार्य पर लगभग 17.25 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी।

सरपंच पांच लाख रुपये तक के विकास कार्यों को दे सकेंगे मंजूरी

इससे पहले 15 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरपंच के विकास को लेकर बड़ी घोषणा की थी। जिसके तहत सरपंच दो लाख के बजाय पांच लाख रुपये तक के विकास कार्यों को दे सकेंगे। हरियाणा में सरकार की ई-निविदा नीति के खिलाफ सरपंचों के विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी घोषणा की थी। खट्टर ने कहा था कि ग्राम प्रधान अब पांच लाख रुपये तक के विकास कार्यों को मंजूरी दे सकेंगे जबकि पहले यह सीमा दो लाख रुपये थी। खट्टर ने कहा था कि हालांकि पांच लाख रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए ई-निविदा प्रणाली लागू रहेगी। मुख्यमंत्री ने एक अप्रैल से सरपंचों के मानदेय को मौजूदा 3,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये जबकि पंचों के मानदेय को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,600 रुपये करने की भी घोषणा की थी।