हरियाणा के हिसार में शराबबंदी योजना से जुड़ने के लिए 60 गांवों ने आवेदन किए हैं। शराब के ठेके बंद करने के लिए काफी दिनों से मांग की जा रही थी। ठेके की वजह से गांवों में अपराध बढ़ रहे थे। साथ ही ज्यादा शराब पीने से लोगों की मौतें भी हो रही हैं। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने भी कदम उठाते हुए एक विधेयक लाया था। सरकार का मानना है कि प्रदेश में शराब बंदी धीरे-धीरे लागू की जाएगी।
पिछले साल सरकार ने लाया था विधेयक: गांवों से शराब के ठेके हटाने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले साल सदन में हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2019 पेश किया था, जो सर्वसम्मति से पास हो गया था। इस विधेयक के पास होने के बाद गांवों में शराब ठेके बंद करने की ताकत ग्राम सभा के पास आ गई। विधेयक के पास होने के बाद ग्राम सभा दस प्रतिशत नागरिकों की सहमति लेकर शराब का ठेका बंद करा सकती है। हालांकि आवेदनों की अभी जांच होनी है।
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अब ग्रामसभा को स्वयं निर्णय लेने का अधिकार : गौरतलब है कि शराब से सरकार को काफी राजस्व मिलता है। इसको बंद कर देने से राजस्व का नुकसान होगा। उसकी क्षतिपूर्ति के लिए सरकार दूसरे स्रोतों से राजस्व जुटाएगी। सरकारी सूत्रों का मानना है कि विधेयक पास होने से ग्रामसभा अपने क्षेत्र के बारे में खुद ही निर्णय लेंगी। इससे स्थानीय स्तर पर ही मामले का निपटारा हो सकेगा।
बिहार में शराब बंदी कानून पहले से लागू है : बिहार सरकार ने अपने राज्य में पूरी तरह से शराब बंदी कानून लागू की है। इसकी वजह से वहां पर शराब की दुकानें, ठेके आदि खोलना प्रतिबंधित है। हालांकि राज्य में नेपाल सीमा और यूपी के रास्ते से चोरी-चोरी कई लोग शराब लाते रहते हैं। राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने अफसरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि शराब बंदी कानून का पूरी तरह से पालन किया जाए।