उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने गुरुवार को लक्सर तहसील में एक मस्जिद में किए जा रहे अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। लक्सर के तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि मोहल्ले में बनी मस्जिद में खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर अवैध निर्माण किया जा रहा था, जिसे अब हटा दिया गया है।

हिंदू जागरण मंच ने की थी शिकायत

मस्जिद में चल रहे निर्माण कार्य के खिलाफ हिंदू जागरण मंच ने भी विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने लक्सर के उप-जिला मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में निर्माण अवैध पाया गया। प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि प्रशासन ने बिल्डरों से मस्जिद में अवैध निर्माण बंद करने को कहा, लेकिन उन्होंने निर्माण जारी रखा।

प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि बिल्डर ने उन्हें बताया था कि उसके पास आवश्यक अनुमति है लेकिन वह कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चल रहे निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

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हिंदू जागरण मंच की लक्सर इकाई के अध्यक्ष जोत सिंह पुंडीर ने कहा कि कुछ साल पहले एक समुदाय ने रेलवे की जमीन पर अवैध निर्माण कर लिया था, जिसे हाई कोर्ट के आदेश पर हटा भी दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां से अवैध निर्माण हटाने के बाद उन्होंने लक्सर इलाके में अवैध निर्माण शुरू कर दिया।

शिमला की मस्जिद को लेकर विवाद

हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली इलाके की मस्जिद को लेकर विवाद जारी है। इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में इस पूरे विवाद के पीछे एक नाई की दुकान पर हुआ झगड़ा, 1960 में बनी एक मस्जिद और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के भीतर जारी सियासी तकरार महत्वपूर्ण पहलुओं के तौर पर दिखाई देता है। यह पूरा मामला मलयाना गांव में हुए एक झगड़े से शुरू हुआ। दरअसल 31 अगस्त को एक लोकल दुकानदार विक्रम सिंह का नाई की दुकान के मालिक गुलनवाज से झगड़ा हो गया था। इसके बाद पुलिस ने विक्रम सिंह पर हमला करने के आरोप में गुलनवाज और दो नाबालिगों सहित छह लोगों को हिरासत में ले लिया, लेकिन मामला तब ज़्यादा बढ़ गया जब आरोप सामने आए कि आरोपियों ने मस्जिद में शरण ली थी। जानें क्या है पूरा विवाद