हरियाणा के पूर्व ऊर्जा मंत्री और कांग्रेस नेता अजय यादव ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों को सिर्फ मस्जिदों में नमाज पढ़नी चाहिए, सार्वजनिक जगहों पर नहीं। यादव ने कहा, ‘इस तरह के बयान देने के बजाए सीएम को नमाज पढ़ने वालों के लिए बड़ी जगह उपलब्ध कराना चाहिए। वे सड़क पर नमाज इसलिए पढ़ते हैं कि उनके पास पर्याप्त बड़ी जगह नहीं है। और सिर्फ अकेले उन्हें ही क्यों दोष दिया जाए? क्या हम पार्क में योग नहीं करते या कभी-कभी सड़क पर जागरण नहीं होता।’ यादव ने यह भी दावा किया कि गुरुग्राम के मुस्लिम एक दशक से खुले में नमाज पढ़ रहे हैं।
यादव ने आरोप लगाया कि 2019 चुनावों के मद्देनजर बीजेपी समाज को धार्मिक आधार पर बांटना चाहती है। उनके मुताबिक, हिंदुओं के वोट पाने के लिए बीजेपी राजनीतिक खेल खेल रही है। वहीं, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमिटी के चीफ अशोक तंवर ने भी सीएम के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी और आरएसएस का हमेशा यही अजेंडा रहा है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेला जाए और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा जाए।’
उधर, इंडियन नैशनल लोकदल के नेता गोपी चंद गहलोत ने कहा, ‘बीजेपी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और आम चुनाव के मद्देनजर वोटरों को सांप्रदायिक आधार पर बांटना चाहती है।’ गहलोत के मुताबिक, मुस्लिमों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार को दूसरी जगह का विकल्प उपलब्ध कराना चाहिए जहां नमाज पढ़ी जा सके।
उधर, गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर ने हरियाणा वक्फ बोर्ड को कहा है कि वे उन संपत्तियों की पहचान करें, जहां नमाज पढ़ी जा सके। वहीं, बोर्ड ने अधिकारियों से दरख्वास्त की है कि उसकी 19 संपत्तियों पर हुए अतिक्रमण को हटाने में मदद की जाए। बोर्ड का कहना है कि इसके बाद ही यहां बने मस्जिदों को जीर्णोद्धार करके नमाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
बता दें कि इन 19 संपत्तियों में से 14 गुड़गांव शहर में जबकि एक सोहना और चार फारूख नगर में हैं। हरियाणा वक्फ बोर्ड के अफसर जमालुद्दीन ने बताया, ‘गुड़गांव में 2 से 3 लाख मुसलमान हैं। नमाज पढ़ने के लिए 30 से कम मस्जिदें हैं। हमने 19 मस्जिदों की सूची सौंपी है। अगर उनका अतिक्रमण हटा दिया जाता है तो बहुत सारे लोगों के लिए उनका इस्तेमाल हो सकेगा।’