हरियाणा के गुरुग्राम में जामा मस्जिद के पास शनिवार (25 मई) रात कथित तौर पर मुस्लिम युवक की टोपी फेंकने और उससे जबरन ‘जय श्रीराम’ बुलवाने वाले मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने इलाके में लगे करीब 50 सीसीटीवी की फुटेज खंगाली, जिसमें सामने आया है कि मुस्लिम युवक से सिर्फ मारपीट हुई थी। न तो किसी ने उसकी टोपी फेंकी और न ही उसकी शर्ट फाड़ी गई।
निराधार निकले आरोप: सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, मुस्लिम युवक को आरोपी ने नहीं, बल्कि एक दूसरे युवक ने रोका था। हालांकि, आरोपी के साथ उसकी कहासुनी जरूर हुई थी, जिसके बाद दोनों में हाथापाई भी हुई। उस वक्त मुस्लिम युवक की टोपी गिर गई थी, जिसे उसने खुद ही उठाकर जेब में रख लिया था। किसी अन्य युवक ने टोपी को हाथ तक नहीं लगाया था।
मारपीट के बाद शांत हो गया था मामला: सीसीटीवी फुटेज में आरोपी शख्स मुस्लिम युवक बरकत अली के हाथ में डंडा मारते हुए नजर आ रहा है। हालांकि, इस दौरान पास में ही झाड़ू लगा रहे एक व्यक्ति ने दोनों पक्षों को शांत करा दिया, जिसके बाद विवाद खत्म हो गया था।
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50 सीसीटीवी की फुटेज से खुला मामला: पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 15 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। वहीं, केस को सुलझाने के लिए करीब 50 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। पुलिस का मानना है कि यह मारपीट की छोटी-सी घटना थी, जिसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। फिलहाल फुटेज को लैब भेजा गया है, जिससे आरोपी की पहचान हो सके।
यह है मामला: मुस्लिम युवक बरकत अली ने आरोप लगाया था कि वह शनिवार रात सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद से नमाज पढ़कर अपने घर जा रहा था। रास्ते में 6 युवकों ने उसे रोक लिया और उसे टोपी उतारने व जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाने के लिए कहा। इनकार करने उसके साथ मारपीट की गई।
बरकत अली ने कहा छोड़ना चाहता हूं गुरुग्राम: यह मामला सामने आने के बाद पीड़ित मुस्लिम युवक ने पुलिस कमिश्नर मोहम्मद अकील से मुलाकात की थी। उसने कहा था कि वह अब गुरुग्राम में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। ऐसे में वह यह शहर छोड़ना चाहता है। कमिश्नर ने जांच पूरी होने तक उसे गुरुग्राम में ही रुकने के लिए कहा। साथ ही, सुरक्षा का आश्वासन भी दिया।