हरियाणा के पुलिस विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने एक न्यायाधीश की प्रतिकूल टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर कर दिया है। गुरुग्राम के पूर्व पुलिस कमिश्नर कृष्ण कुमार राव (Krishan Kumar Rao) ने न्यायाधीश के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर उनसे एक करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। पूर्व पुलिस कमिश्नर कृष्ण कुमार राव ने न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें उन्होंने उन पर प्रतिकूल टिप्पणी की थी।
दो सीनियर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ा आरोप लगा था
उन्होंने अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) विक्रमजीत सिंह की अदालत में सोमवार को यह मुकदमा दायर किया और उसी दिन मामले की सुनवाई हुई। अदालत अब 21 नवंबर को इस मामले की फिर से सुनवाई करेगी। भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत (Amit Sahrawat) ने फरवरी 2022 में पारित एक आदेश में करोड़ों रुपये की डकैती के मामले के सिलसिले में गुरुग्राम पुलिस के पूर्व डिप्टी कमिश्नर धीरज सेतिया की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि मामले में जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है। धीरज सेतिया पर जांच को पटरी से उतारने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। न्यायाधीश ने सेतिया को डीसीपी (क्राइम) का अतिरिक्त प्रभार सौंपने के राव के आदेश पर भी सवाल उठाया था।
न्यायाधीश ने कहा कि मामले में मुख्य संदिग्ध डॉक्टर सचिंदर जैन नवल द्वारा कबूले जाने के आधार पर यह संदिग्ध लगता है कि पूर्व डिप्टी कमिश्नर सेतिया पूर्व पुलिस कमिश्नर कृष्ण कुमार राव के अधीन ऐसा कर सकता है। विशेषकर यह देखते हुए कि गिरोहबाज गुरुग्राम कमिश्नरेट में उससे मिलने आते थे।
पूर्व पुलिस कमिश्नर कृष्ण कुमार राव ने दायर किए गए मानहानि के मुकदमे में तर्क दिया कि न्यायाधीश की टिप्पणी अनुमान पर आधारित थी और इसका कोई न्यायिक आधार नहीं था। उन्होंने कहा कि घटनाओं के बारे में उनकी कथित अज्ञानता संबंधी टिप्पणियां व्यक्तिगत प्रकृति की थीं और जमानत आवेदन के निर्णय से संबंधित नहीं थीं।
सेतिया को जमानत देने से इनकार करने वाले आदेश के अनुसार, न्यायाधीश ने कहा था, “…याचिकाकर्ता द्वारा गुरुग्राम के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर की सहमति से पूरी अवैध गतिविधि की गई थी या नहीं… (यह भी तब तक पता नहीं चलेगा) जब तक कि याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ नहीं की जाती।”
आदेश में यह भी कहा गया था कि गैंगस्टर 2.5 करोड़ रुपये से भरे बैग के साथ डीसीपी (क्राइम) के कार्यालय में आ रहे थे और तत्कालीन कमिश्नर राव, जिनका कार्यालय बगल में था, को इसकी जानकारी नहीं थी। आदेश में कहा गया है, “जब याचिकाकर्ता के पास 4 अक्टूबर 2021 को कमिश्नर ऑफिस के बगल में स्थित अपने कक्ष में 2.5 करोड़ रुपये का बैग था, तो गुरुग्राम के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर क्या कर रहे थे… और किस उद्देश्य से सरकार ने कमिश्नर को वहां तैनात किया था।”