गुजरात के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ईश्वर परमार को धमकी भरे खत भेजकर रंगदारी वसूलने की कोशिश के आरोप में एक 46 साल की महिला को गिरफ्तार किया गया है। बारडोली पुलिस के मुताबिक, आरोपी का नाम परवीना मैसूरिया है। पुलिस का कहना है कि परवीना ने परमार को दो गुमनाम खत भेजे। उनके पूरे परिवार को ‘जलाने और मारने’ की धमकी दी। साथ ही यह भी धमकी दी कि अगर मंत्री ने 1.5 करोड़ रुपये नहीं दिए तो झूठे केस में फंसाकर उनको बदनाम कर दिया जाएगा।
चिट्ठियों में महिला ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि अगर उसे रकम नहीं मिली तो वह परमार को यह कहकर बदनाम कर देगी कि उन्होंने उसकी बहन को गर्भवती कर दिया। मामले के जांच अधिकारी एनएस चौहान ने बताया, ‘हमने उससे धमकियों के बारे में पूछा। उसने बताया कि उसे ऐसे आइडिया टीवी पर एक क्राइम बेस्ड शो देखकर आया। वह एक गृहिणी है। उसका पति एक वैन ड्राइवर है और उनके दो बच्चे हैं। महिला ने कबूल किया है कि उसे पैसों की बहुत जरूरत थी इसलिए वह मंत्री को फंसाना चाहती थी। हम उसकी बहन के बारे में पता लगा रहे हैं।’
पुलिस के मुताबिक, लेटर में महिला ने मंत्री से कहा कि बताए गए वक्त और तारीख पर पैसे नवसारी के एक मंदिर पर पहुंचा दिया जाए। एनएस चौहान ने बताया, ‘पहली चिट्ठी 28 जून को मंत्री के बारडोली स्थित दफ्तर पर मिली। किसी अंजान शख्स ने यह खत वहां पहुंचाया। इसमें डेढ़ करोड़ रुपये के रकम की मांग की गई थी। इसके बाद दूसरा लेटर 15 जुलाई को स्थानीय बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह राजपूत के दरवाजे पर मिला। ईश्वर परमार के नाम से भेजी गई इस चिट्ठी में पैसे न देने की स्थिति में उन्हें बदनाम करने और उनके परिवार को मारने की धमकी दी गई थी।’
राजपूत के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे से पुलिस को अहम सुराग मिले। इसमें एक महिला 15 जुलाई को बीजेपी नेता के दरवाजे पर खत डालते और तेजी से जाते नजर आती है। पुलिस ने इस फुटेज के आधार पर लुक आउट नोटिस जारी किया। चौहान ने कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज में उसका चेहरा साफ नजर नहीं आया, इसलिए हम तुंरत उसकी पहचान नहीं कर पाए। इसके बाद हमने उस शख्स का पता लगाया जिसने पहला लेटर पहुंचाया था। उसने हमें बताया कि वह महिला से एक बस स्टॉप पर मिला था। महिला ने उसे चिट्ठी मंत्री के दफ्तर पर पहुंचाने के लिए कहा। महिला ने उसे बताया था कि यह लेटर उसकी बेटी की नौकरी के लिए है।’
पुलिस के मुताबिक, शख्स को महिला पर शक नहीं हुआ और वह मदद करने के लिए राजी हो गया। इस शख्स की मदद और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर महिला की पहचान की गई। महिला को पहले शुरुआती पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस का कहना है कि महिला ने वे चिट्ठियां भेजने की बात कबूल कर ली, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में शिकायतकर्ता मंत्री के बारडोली दफ्तर पर काम करने वाले कर्मचारी अनिल मायावंशी हैं।