गुजरात के वडोदरा में मंगलवार (10 अक्टूबर) को आशा (Accredited Social Health Activist) वर्कर्स ने भाजपा विधायक सतीश पटेल को दौड़ा लिया। पिछले आठ महीनों से फिक्स्ड वेतन और पेंशन सुविधाओं के साथ परमानेंट नौकरी की मांग कर रही आशा वर्कर्स ने जब पटेल को कलेक्ट्रेट में देखा तो उनका पीछा शुरू दिया। घटना उसी दिन हुई जिस दिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नवसृजन यात्रा दाभोई होते हुए कर्जन पहुंची, जहां उन्होंने आशा वर्कर्स को संबोधित किया था। पटेल का घेराव करने के बाद आशा की संविदा एवं तय वेतन संघर्ष कमेटी की महिला विंग, जिसने पिछले सप्ताह वडोदरा में भूख हड़ताल शुरू की थी, ने पटेल का सड़क पर पीछा करना शुरू कर दिया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक वह अपनी कार तक नहीं पहुंच गए। महिलाओं ने पटेल से उनकी बात सुनने की अपील की थी, जो उन्होंने अनसुनी कर दी।
पिछले सप्ताह, महिलाओं ने मानव श्रृंखला बनाकर सयाजीगंज से भाजपा विधायक जितेन्द्र सुखड़िया के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। दो कार्यकत्रियों के बेहोश होने के बाद उपवास तोड़ दिया गया। अगस्त में आशा वर्कर्स ने वडोदरा नगर विधायक मनीषा वकली के कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष इन दिनों गुजरात दौरे पर हैं और विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण जनसभाएं कर रहे हैं। राहुल ने जनसभा में कहा, “मोदीजी ने 2014 में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ की घोषणा की थी। मुझे नहीं पता, शाहजी के मन में क्या ख्याल आया कि उन्होंने नवाचार का एक बड़ा तरीका ईजाद कर लिया, जिससे तीन-चार महीने में ही 50,000 की संपत्ति 80 करोड़ रुपये की हो गई। उन्हें प्रतिभूति-रहित कर्ज दे दिया गया। मजे की बात यह है कि इतने शानदार तरीके से तरक्की करने वाली कंपनी को जय शाह जी ने 2016 में ही बंद कर दिया। इस वाकये पर खुद को भारत के चौकीदार बताने वाले मोदीजी चुप क्यों हैं। वह इस पर एक शब्द नहीं बोलते।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नारा दिया था ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ लेकिन वह तो अमित शाह के बेटे को बचाने में लग गए।” राहुल ने यही बात अपने ट्वीट में भी लिखा है।
