गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने मदर्स डे पर खत लिखकर मां से कहा कि उन्हें शहीद मान लें। हार्दिक पटेल ने साथ ही परिजनों से कहा कि वे उसे भूल जाएं। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की ओर से सोशल मीडिया पर दो पन्नों का यह खत पोस्ट किया गया है। हार्दिक ने लिखा, ‘मुझे पता चला है कि जब मां को पता चला कि हाईकोर्ट एक महीने बाद मेरी जमानत पर सुनवाई करेगा तो वह रोने लगी। पिताजी, मां को समझाइए कि रोने से मुझे रिहा नहीं किया जाएगा। रोने से दुख कम नहीं होगा। हमें अन्याय से लड़ना होगा।’
चिट्ठी में हार्दिक पटेल ने आगे खुद की सेना के जवान से तुलना की। उन्होंने लिखा, ‘सामाजिक सेवा के जरिए देश का निर्माण करना सेना की तरह ही है। मैं आप से विनती करता हूं कि मुझे पूरी तरह से भुला दें। मैं इस अन्याय और तानाशाही के सामने झुकना नहीं चाहता।’ खत में हार्दिक ने अपने पिता के मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल की ओर से प्रचार करने की समय का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि उनके पिता भारत पटेल को भाजपा के सामने नहीं झुकना चाहिए।
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उन्होंने लिखा,’ पिताजी, एक बात तो तय है कि हम भाजपा के नहीं झुकेंगे और ना ही उसकी प्रशंसा करेंगे। सूबे के लोग उनका अन्याय सह रहे हैं क्यों कि वे कारोबारी लोग हैं। लेकिन हम किसान है और लड़ना हमारे खून में हैं।’ पाटीदार नेता ने अपने पिता से आंदोलन के दौरान जान गंवाने पटेलों के घर जाने को भी कहा। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि न्याय व्यवस्था में काफी भ्रष्टाचार है।
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