गुजरात के वडोदरा में एक नदी ऐसी भी है जहां 300 से ज्यादा मगरमच्छ रहते हैं। अब प्रशासन इन मगरमच्छों को किसी और जगह ले जाना चाहता है। ऐसा करने के पीछे वडोदरा प्रशासन का क्या कारण है आइये जानते हैं।

गुजरात के वडोदरा में विश्वामित्री नदी 300 से ज्यादा मगरमच्छों का घर है। शहर से होकर गुजरने वाली नदी का 24 किलोमीटर का हिस्सा लगभग 300 मगरमच्छों का घर है। अब अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वडोदरा में विश्वामित्री नदी से गाद निकालने का काम इस महीने के अंत में शुरू होने की संभावना है, जिससे चलते इन मगरमच्छों को अस्थायी रूप से कहीं और भेजा जा सकता है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) द्वारा मगरमच्छों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने का प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को भेज दिया गया है।

नदी में गाद निकालने के लिए हटाए जाएंगे मगरमच्छ

वीएमसी के गाद निकालने की परियोजना के कार्यकारी अभियंता लक्षांक नेधरिया ने कहा, “सितंबर में वडोदरा शहर में बाढ़ के बाद गुजरात सरकार द्वारा नियुक्त एक उच्च-स्तरीय समिति ने मानसून से पहले गाद निकालने के माध्यम से नदी की क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की है।” उन्होंने कहा कि नगर निकाय ने जरूरत पड़ने पर मगरमच्छों को भी कहीं और ले जाने के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी है।

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पिछले अगस्त में विश्वामित्री नदी का बाढ़ का पानी शहर में घुसने के बाद वडोदरा के कई इलाके जलमग्न हो गए थे, जिसके कारण 3000 लोगों को वहां से निकलना पड़ा था। वडोदरा में बाढ़ के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश कर रही पांच सदस्यीय समिति ने नदी की वहन क्षमता बढ़ाने के लिए गाद निकालने की सिफारिश की, जिसमें नदी को गहरा करना और चौड़ा करना शामिल होगा।

नदी के 24 किमी में रहते हैं 300 मगरमच्छ

नेधरिया ने कहा, “वीएमसी ने नदी में रैंप और पहुंच मार्गों का निर्माण शुरू कर दिया है। गाद निकालने का काम 14 जनवरी के बाद शुरू होगा और अगले 100 दिनों तक चलेगा।” नगर निगम अधिकारी ने कहा कि टेंडर जारी कर काम दिया जाएगा।

नेधरिया ने कहा, चूंकि नदी का 24 किलोमीटर का हिस्सा लगभग 300 मगरमच्छों का घर है इसलिए हमने वन विभाग से मंजूरी मांगी है। हमने प्रस्ताव दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो मगरमच्छों को वन विभाग की मदद से दो कृत्रिम तालाबों में स्थानांतरित किया जा सकता है और गाद निकालने के बाद फिर से नदी में छोड़ा जा सकता है।

वडोदरा सामाजिक वानिकी प्रभाग के उप वन संरक्षक, अग्निश्वर व्यास ने कहा कि मगरमच्छों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने के वीएमसी के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को भेज दिया गया है।

गाद निकालने के बाद नदी में वापस छोड़े जाएंगे मगरमच्छ

उन्होंने कहा कि अगर गाद निकालने का काम चरणों में किया जाता है तो अस्थायी स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं होगी। चूंकि नदी का 24 किलोमीटर का हिस्सा लगभग 300 मगरमच्छों का घर है, इसलिए हमने वन विभाग से मंजूरी मांगी है। हमने प्रस्ताव दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो मगरमच्छों को वन विभाग की मदद से दो कृत्रिम तालाबों में स्थानांतरित किया जा सकता है और गाद निकालने के बाद फिर से नदी में छोड़ा जा सकता है,” नेधरिया ने कहा।

वडोदरा सामाजिक वानिकी प्रभाग के उप वन संरक्षक, अग्निश्वर व्यास ने कहा कि मगरमच्छों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने के वीएमसी के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर गाद निकालने का काम चरणों में किया जाता है तो अस्थायी स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं होगी।

व्यास ने कहा, “अगर नदी के पूरे हिस्से के बजाय नदी के कुछ हिस्सों से गाद निकालना शुरू किया जाता है तो वहां रहने वाले मगरमच्छ नदी के अन्य हिस्सों में चले जाएंगे। काम पूरा होने के बाद वे वापस लौट आएंगे। ऐसे केस में मगरमच्छों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि वे खुद को समायोजित कर लेंगे।” हालाँकि, व्यास ने कहा कि अगर गाद निकालने के काम के दौरान नदी के भीतर मगरमच्छों की प्राकृतिक आवाजाही प्रतिबंधित हो जाती है, तो उन्हें अस्थायी रूप से हटाना होगा। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग