गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बने केबल ब्रिज टूटने से 140 से अधिक लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा है कि ब्रिज पर उसकी क्षमता से अधिक लोग जमा हुए, जिससे केबल का पुल टूट गया। बता दें कि सोमवार(31 अक्टूबर) को चला रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक अभी 100 से अधिक लोग लापता हैं।
मालूम हो कि इस खौफनाक हादसे के बाद नदी में डूब रहे लोगों को बचाने के लिए भी कई लोगों ने मदद के हाथ बढ़ाए। ऐसे में एक युवा लोगों का ग्रुप, जिसका दावा है कि उन्होंने इस हादसे में 80 से 90 लोगों की जान बचाई।
युवक का दावा:
दरअसल जिग्नेश लालजी भाई नाम के एक शख्स ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया, “मैं कई लड़कों के साथ ‘झूलता हुआ पुल’ की तरफ आ रहा था। तभी मैंने देखा कि ब्रिज टूटा हुआ है। इसके बाद मैंने अपने लड़कों में जिन्हें तैरना आता था, उन्हें नदीं में कूदने के लिए कहा। वहीं जिन्हें तैरना नहीं आता था, उनसे कहा कि वो नदी में रस्सी फेंके।”
जिग्नेश लालजी भाई ने कहा कि वो आर्मी में जाने की तैयारी कर रहे लोगों को फ्री में आर्मी की ट्रेनिंग देते हैं। जिग्नेश ने कहा, “मैं रूटीन तौर पर अपने लड़कों को दौड़ लगवाकर वापस आ रहा था। मैंने रास्ते में देखा कि झूलता हुआ पुल टूटा हुआ है। इसे देख मैंने अपने लड़कों को नदी तक तेजी से दौड़ते हुए पहुंचने के लिए कहा।”
वहीं न्यूज चैनल से जिग्नेश लालजी भाई के सहयोगी ने बताया कि हमने 80 से 90 लोगों की जान बचाई। इसमें छोटे बच्चे और महिलाएं थीं। वहीं पुरुषों के पास रस्सियां फेंककर उन्हें बचाने की कोशिश की। बता दें कि एनडीटीवी के मुताबिक जिग्नेश के ग्रुप ने रेस्क्यू टीम के आने का इंतजार न करते हुए नदीं में छलांग लगाई और लोगों की जान बचानी शुरू की थी।
पीएम मोदी ने की उच्च स्तरीय मीटिंग:
मोरबी पुल हादसे को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार(31 अक्टूबर) को गुजरात के राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक में जरूरी दिशा निर्देश दिए। राज्य के सीएम भूपेंद्र पटेल संग अधिकारियों से कहा कि इस मामले में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। बता दें कि 2 नवंबर को गुजरात सरकार ने राज्य में शोक की घोषणा की है। इस दौरान राज्य में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका रहेगा।