2002 के गुजरात दंगों का दर्दनाक मंजर भूल पाना अभी भी मुश्किल है। हर किसी की आंखों में वो खौफनाक दृश्य ताजा हैं। इसी बीच गुजरात से एक सुकून देने वाली खबर आई है। इस नरसंहार से चर्चा में आए दो चेहरे साथ-साथ दिखे हैं। इनमें एक नाम अशोक परमार का है और दूसरा कुतुबुद्दीन अंसारी का है। दरअसल 19 साल बाद दोनों ने ऐसा संदेश दिया है जिसे समझकर आप भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को समझ सकते हैं।
दुकान का नाम- एकता चप्पल शॉपः दरअसल अहमदाबाद में अशोक परमार ने एक दुकान खोली है, जिसका उद्घाटन करने के लिए उन्होंने कुतुबुद्दीन अंसारी को बुलाया। परमार ने अपनी दुकान का नाम ‘एकता चप्पल शॉप’ रखा है। दुकान के उद्घाटन के बाद दोनों ने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की मिसाल पेश की है।

पहले बुक लॉन्च, अब दुकान का उद्घाटनः अशोक परमार ने कहा, ‘2014 में हमें एक सेमिनार में बुलाया गया था, जहां हम दोस्त बन गए। उन्होंने एक किताब लिखी थी जिसका विमोचन मैंने किया था। अब मैंने उनसे अपनी दुकान का उद्घाटन करने का निवेदन किया था। इसका नाम इस बात का संदेश है कि आज का अहमदाबाद पहले से काफी अलग है। आज हिंदू-मुस्लिम यहां प्रेम और भाईचारे से मिलकर साथ रहते हैं।’
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अंसारी ने बताई भारत की पहचानः वहीं दुकान का उद्घाटन करने के बाद कुतुबुद्दीन अंसारी ने कहा, ‘अशोक भाई ने मुझे दुकान का उद्घाटन करने बुलाया था। मैंने उन्हें बधाई दी और वहां से शॉपिंग भी की। वक्त हर मर्ज की दवा है, यदि हम वहीं अटके रहते तो कभी आगे नहीं बढ़ते। हमारी सोसायटी में लोग एक-दूसरे के लिए सोचते हैं, यही भारत की पहचान है।’