Morbi bridge collapse: गुजरात के मोरबी पुल हादसे में कितने ही परिवार ने अपना सबकुछ खो दिया। इसमें तीस साल के प्रताप सिंह जडेजा की कहानी बेहद दर्दनाक है। बच्चों की जिद के चलते घूमने निकले जडेजा परिवार का सबकुछ लुट गया। मंदिर दर्शन के बाद सस्पेंशन पुल पर पहुंचे परिवार ने सात सदस्यों को खो दिया। इसमें चार बच्चे और एक नौ महीने की गर्भवती महिला भी शामिल है।

रविवार को प्रताप सिंह जडेजा (30) के परिवार -प्रताप के दो बच्चे, उनकी पत्नी जो तीसरी बार गर्भवती थी, उनकी भाभी, प्रताप के भाई प्रद्युम्न की पत्नी और दो बच्चे – देवी मेल्दी के मंदिर मोरबी गए थे। वापस जाते समय बच्चों ने मच्छू नदी के बने झूलों पर जाने की जिद की। जो लगभग सात महीने की मरम्मत होने के बाद चार दिन पहले खुला था। कुछ ही देर बाद केबल ब्रिज टूट गया और परिवार के सात सदस्यों की नदी में गिरने से मौत हो गई।

चूंकि प्रताप और प्रद्युम्न काम पर थे, वे अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ नहीं गए। जडेजा परिवार के एक रिश्तेदार कनक सिंह कहते हैं, ‘अब वे अपने परिवार में अकेले बचे हैं।’ परिवार जामनगर जिले के जालिया गांव का रहने वाला है, जबकि भाई पिछले छह साल से मोरबी के सनाला में किराए पर रह रहे थे। मोरबी में कब्रगाह के बाहर इंतजार करते हुए 52 वर्षीय तैयब सुमरा अपने साले के परिवार की दुखद कहानी सुनाते हैं। वो बताती हैं कि देवर ने रविवार को पुल गिरने से अपने 30 वर्षीय बेटे और दो पोते- 5 वर्षीय पोती और 7 वर्षीय पोते को खो दिया।

सुमरा कहती हैं कि मेरे बहनोई का बेटा और परिवार पुनर्निर्मित पुल पर घूमने गए थे। शाम होते ही जैसे ही सोशल मीडिया पर पुल गिरने की खबर सामने आई, मेरे देवर अपने बेटे और परिवार की तलाश में निकल पड़े। हमें जल्द ही बुरी खबर मिली। दोनों बच्चों के शव रात 8 बजे और मेरे देवर के बेटे का शव रात करीब 11 बजे मिला। केवल उनकी 25 वर्षीय बहू बच गई है, लेकिन वह सदमे में है।