Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बना केबल का पुल रविवार की शाम ढह गया। इस हादसे में 132 लोगों की मौत हो गई। आज का रेस्क्यू ऑपरेशन आज बंद कर दिया गया है। इस हादसे में 100 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। 143 साल पुराने इस पुल की मरम्मत के लिए एक निजी फर्म को ठेका दिया गया था। कई महीनों तक मरम्मत का काम करने के बाद अभी कुछ दिन पहले ही इस पुल को जनता के लिए फिर से खोल दिया गया था। हालांकि इस पुल को नगर पालिका से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिला था।
इंडिया टुडे के मुताबिक ये पुल अजंता ओरेवा कंपनी को संचालन और रखरखाव के लिए 15 सालों के लिए दिया गया था। अनुबंध मार्च 2022 में मोरबी नगर निगम और अजंता ओरेवा कंपनी के बीच हस्ताक्षरित किया गया था और ये अनुबंध साल 2037 तक वैलिड था। इस समझौते में इस बात का भी जिक्र है कि कंपनी को रखरखाव के काम के लिए कम से कम 8 से 12 महीने का समय दिया जाना चाहिए। हालांकि, कंपनी ने समझौते की शर्तों और समझौतों की अवहेलना की और महज पांच महीनों में ही इस पुल को आम जनता के लिए खोल दिया।
जनवरी 2020 में तत्कालीन कलेक्टर के साथ में मोरबी नगर निगम और अजंता ओरेवा कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी जिसके बाद समझौते की शर्तें तय की गईं। यह तय किया गया कि टिकट की कीमत में हर साल 2 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी।
उधर पीएम मोदी ने गुजरात के राजभवन में देर शाम मोरबी हादसे पर अपडेट लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सीएम के साथ गुजरात से बाकी अमले से भी स्थिति पर चर्चा की और कहा कि कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उनका कहना था कि पीड़ित लोगों की सहायता के लिए प्रशासन खुद से आगे आए। हादसा बड़ा है कोताही नहीं होनी चाहिए। गुजरात सरकार ने फैसला लिया है कि 2 नवंबर को शोक मनाया जाएगा। उस दिन सारे सूबे में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाकर रखा जाएगा। उस दिन कोई सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होगा।