भारतीय ग्रुप वेदांता और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण यूनिट लगाने के लिए सरकार के साथ एमओयू पर साइन किए हैं। हालांकि, गुजरात की इस डील पर अब महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहब थोराट ने दावा किया कि राज्य में फॉक्सकॉन का सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने पर चर्चा लगभग पूरी हो गयी थी लेकिन कुछ ऐसी बेईमानी हुई जिससे कंपनी ने इसे गुजरात शिफ्ट कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार के साथ कंपनियों की बातचीत ‘लगभग फाइनल’ हो चुकी थी जब जुलाई 2022 में वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। उद्योग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के अधिकारियों ने तालेगांव फेज IV में 1,000 एकड़ से अधिक की जमीन अंतिम रूप दिया था। वही, अब महाराष्ट्र के शीर्ष नेता और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट को हथियाने में कहां चूक हो गई।
महाराष्ट्र उद्योग विभाग के सूत्रों के अनुसार, इसका कारण भूमि से संबंधित मामले पर गुजरात का अधिक आकर्षक प्रस्ताव हो सकता है। वहीं, इस प्रोजेक्ट को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है और महाराष्ट्र में विपक्ष आरोप लगा रहा है कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे सरेंडर कर दिया क्योंकि गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं, सत्तारूढ़ पक्ष ने पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार को गुजरात के मुकाबले कंपनी को अधिक आकर्षक ऑफर नहीं देने के लिए दोषी ठहराया है।
गुजरात के लिए इस प्रोजेक्ट की क्या अहमियत हो सकती है, यह पीएम मोदी के ट्वीट से समझा जा सकता है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि यह एमओयू भारत की सेमीकंडक्टर विनिर्माण महत्वाकांक्षा को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने आगे कहा कि 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश अर्थव्यवस्था और नौकरियों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है। यह सहायक उद्योगों के लिए एक बड़ा इकोसिस्टम बनाएगा और हमारे एमएसएमई की मदद करेगा।