Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही तमाम राजनीतिक दलों ने राज्य में अपना प्रचार अभियान ज़ोर-शोर से शुरू कर दिया है। इन सबके बीच राजकोट में एक गांव ऐसा भी है जहां किसी भी पार्टी को प्रचार करने की इजाजत नहीं है। राजकोट के राज समाधियाला गांव में राजनीतिक दलों को प्रचार करने की अनुमति नहीं है, लेकिन यहां वोट नहीं देने वालों पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।

किसी भी दल को गांव में प्रचार की इजाजत नहीं: राज समाधियाला गांव के सरपंच ने बताया कि साल 1983 से राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं देने का यह नियम यहां अस्तित्व में है, लेकिन मतदान सभी के लिए अनिवार्य है। वोट नहीं देने वालों पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।

राजकोट के इस गांव के लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रवेश और चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगा रखी है। राज समधियाला गांव के लोगों का मानना है कि उम्मीदवारों को प्रचार की इजाजत देना क्षेत्र के लिए हानिकारक होगा। इसलिए किसी दल को गांव में प्रवेश और प्रचार की इजाजत नहीं दी गई है। गांव में प्रचार पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है।

मतदान करने में असमर्थ होने पर बताना पड़ता है कारण: राजकोट से 20 किलोमीटर दूर स्थित राज समाधियाला गांव की ग्राम विकास समिति (VDC) ने कई गांव के लोगों के लिए कई नियम बनाए हैं जिंका पालन करना ही पड़ता है। इनमें से किसी नियम को तोड़ने पर समिति की ओर से जुर्माना भी लगाया जाता है। 1700 की आबादी वाले इस छोटे से गांव में एक कमेटी बनाई है। एक स्थानीय ने बताया कि गांव में करीब 995 मतदाता हैं और यहां के लोग अपनी मर्जी से मतदान करते हैं। मतदान से कुछ दिन पहले समिति के सदस्य ग्रामीणों की एक बैठक बुलाते हैं और अगर कोई मतदान करने में असमर्थ होता है तो समिति को इसका कारण बताना पड़ता है।

जानकारी के मुताबिक, अब तक गांव के लोग लगभग 100 फीसदी मतदान करते हैं और जो मतदान से दूर रहता है, उस पर 51 रुपये का जुर्माना लगता है। गांव के सरपंच का कहना है कि यहां करीब शत प्रतिशत मतदान हो जाता है। राज समाधियाला गांव में वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन, सीसीटीवी कैमरे, पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए आरओ प्लांट जैसी लगभग हर आधुनिक सुविधा है।