ईद के त्योहार पर गुजरात के अहमदाबाद से सांप्रदायिक सौहार्द की बेहतरीन मिसाल सामने आई है। यहां के कांकरिया इलाके में पिछले 24 सालों से एक हिंदू संस्था मुस्लिम श्रद्धालुओं को नमाज अता करने के लिए जगह उपलब्ध करा रही है। साल में सिर्फ दो बार खुलने वाली ईदगाह मस्जिद पर सैकड़ों श्रद्धालु आते हैं। यह मस्जिद सिर्फ ईद-उल-फितर और बकरीद पर खुलती है। यहां आने वाले कई लोगों को इस परिसर में जगह नहीं मिल पाती, इसके चलते वे सड़क पर नमाज अता करने को मजबूर होते हैं। श्री सोरठिया ब्रह्मक्षत्रिय ट्रस्ट इन दो दिनों में अपना मैरिज हॉल खोल देता है ताकि वहां भी लोग नमाज अता कर सकें।

गुजराती ब्राह्मण समुदाय की इस संस्था का कहना है कि उनके दरवाजे हमेशा मुस्लिम भाइयों के लिए खुले रहते हैं। संस्था के सचिव राजेंद्रभाई बसोनिया ने कहा, ‘1995 में यह हॉल शादियों और अन्य पारंपरिक अवसरों पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए बनाया गया था, तभी से हमने हमेशा मुस्लिम भाइयों का स्वागत किया है। उन्हें सिर्फ एक या दो घंटे के लिए जगह चाहिए होती है। हम पूरी तरह से भाईचारे का जीवन जीते हैं और जो भी मदद कर सकते हैं, करते हैं।’

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रमजान और बकरीद के दिनों में यह संस्था अन्य कार्यक्रमों की बुकिंग भी नहीं लेती और आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हाथ-पैर धोने और पानी पीने की भी व्यवस्था करती है। मस्जिद के सामने गैरेज संचालित करने वाले फिरोजभाई मलिक कहते हैं, ‘मैं यहां करीब एक दशक से भी ज्यादा समय से नमाज अता कर रहा हूं। हमारे हिंदू भाई हमेशा से बेहद सहयोग करते रहे हैं। हम पुलिस के भी आभारी हैं जो हमें शांति से नमाज अता करने के लिए सुरक्षा देती है।’

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(इंडियन एक्सप्रेस के इंटर्न सुरेश चौधरी की रिपोर्ट)