गुजरात के मोरबी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार जयंतीलाल जेरजभाई पटेल चुनाव प्रचार में जुटे हैं। प्रचार के दौरान उन्होंने लोगों से मुफ्त बिजली, चिकित्सा सुविधा जैसी सेवाओं का लोगों से वादा किया है, लेकिन अपने प्रचार के दौरान वे भी मोरबी हादसे का जिक्र करने से बचते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लोगों को पर्चे बांटकर मुफ्त बिजली, 10 लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा, 3,000 रुपये बेरोजगारी भत्ता, मुफ्त बस यात्रा और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए छात्रावास का वादा किया है। हालांकि, मोरबी हादसे का इनमें कहीं कोई जिक्र नहीं है।

पटेल ने कहा, “यह (मोरबी पुल हादसा) कोई चुनावी मुद्दा नहीं है क्योंकि लोग अभी भी इस दुख से उबर नहीं पाए हैं। लोग इसे कभी नहीं भूल पाएंगे। इसलिए, इस तरह के उदास माहौ में हम सादगी के साथ प्रचार कर रहे हैं और लोगों से हमारा समर्थन करने का अनुरोध कर रहे हैं।”

कांग्रेस की मोरबी जिला इकाई के मौजूदा अध्यक्ष पटेल सातवीं बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 1990 और 2007 के बीच, उन्होंने लगातार पांच बार चुनाव लड़ा, लेकिन एक बार भी नहीं जीत सके। इन पांच चुनावों में से चार बार 1995, 1998, 2002 और 2007 में वे कांतिलाल अमृतिया (मोरबी से वर्तमान भाजपा उम्मीदवार) के खिलाफ खड़े हुए थे।

अपना पहला विधानसभा चुनाव वे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूभाई जशभाई से हार गए थे। पटेल को 13 साल के अंतराल के बाद कांग्रेस ने 2020 में उपचुनाव में उतारा गया था, लेकिन इसमें भी वह हार गए थे।

बता दें कि पिछले महीने मोरबी में केबल का बना सस्पेंशन पुल टूटने से बड़ा हादसा हो गया था। इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी। यह कई सालों पुराना था और ब्रिटिश काल के दौरान इसका निर्माण किया गया था। 6 महीने से रिपोयरिंग के काम के चलते इसको बंद किया गया था।

दिवाली के बाद इसे खोल दिया गया और तकरीबन 600 लोग पुल को देखने के लिए यहां आए थे, लेकिन 100 लोगों की क्षमता वाला यह पुल इतने लोगों का भार सहन नहीं कर सका और यह टूट गया। बाद में यह भी पता चला कि नगरपालिका की तरफ से पुल को फिटनेस सर्टिफिकेट दिए बिना ही खोल दिया गया था।