Gujarat Assembly Election: गुजरात में दिसंबर 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के संस्थापक महेश वसावा (Mahesh Vasava) और उनके पिता छोटूभाई वसावा के बीच झगड़िया विधानसभा सीट के लिए लड़ाई गुरुवार को समाप्त हो गई। महेश ने सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया।
दरअसल, भरूच जिले के झगड़िया निर्वाचन क्षेत्र में महेश वसावा ने भारतीय ट्राइबल पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, वहीं उनके पिता छोटू वसावा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। छोटू वसावा ने सोमवार को कहा कि मुझे जनादेश की जरूरत नहीं है, अब समय आ गया है कि सभी पार्टियां जनादेश प्रणाली को समाप्त कर दें।
अपनी छोड़ बाप की सीट पर बेटे ने ठोंक दी दावेदारी:
अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के लिए आरक्षित भरूच जिले की इस सीट पर महेश और छोटू वसावा दोनों ने चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। आने वाले विधानसभा चुनावों में नर्मदा जिले में अपने वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र देदियापाड़ा को छोड़ने का फैसला करते हुए महेश वसावा ने घोषणा की कि वह झगड़िया से चुनाव लड़ेंगे। यह क्षेत्र वर्तमान में छोटूभाई द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है और 1990 से उनका गढ़ रहा है। महेश ने सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया था माना जाता रहा था कि वह बीटीपी के पूर्व सहयोगी चैत्र वासवा के खिलाफ झगड़िया में आप के उम्मीदवार हैं।
परिवार को बचाने के लिए बदला फैसला:
महेश के झगड़िया से पर्चा दाखिल करने के बाद छोटूभाई और उनके दूसरे बेटे दिलीप ने निर्दलीय उम्मीदवारी के लिए पर्चा दाखिल किया था। पर बुधवार सुबह दिलीप ने अपना नामांकन वापस ले लिया। जिसके बाद महेश ने भी गुरुवार दोपहर को अपने पिता के लिए सीट छोड़ दी। छोटूभाई वसावा के घर पर एक लंबी बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। बैठक में महेश सहित परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। महेश ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार को बचाने और कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों को हराने के लिए यह फैसला किया है।
वहीं, दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि गुजरात विधानसभा की 89 सीटों पर पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए दाखिल 1,362 नामांकन पत्रों में से 999 वैध पाए गए हैं। पहले चरण के तहत मतदान 1 दिसंबर 2022 को होगा। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 14 नवंबर थी।