केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को राज्य के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का इस्तीफा मांग लिया। राज्यपाल के इस एक्शन पर विवाद शुरू हो गया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर निशाना साधा और उनपर आरएसएस के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। आरिफ मोहम्मद खान ने सभी से अपना इस्तीफा सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे तक पहुंचाने को कहा था।

वहीं राज्यपाल के एक्शन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वो अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राज्यपाल (आरिफ एम खान) अपने से अधिक शक्तियों का प्रयोग करने के लिए चांसलर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह अलोकतांत्रिक है और कुलपतियों की शक्तियों का अतिक्रमण है। राज्यपाल का पद सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए है। वह आरएसएस के औजार की तरह काम कर रहे हैं।”

बता दें कि राज्यपाल की ओर से रविवार को केरल राजभवन ने एक ट्वीट में कहा कि 9 कुलपतियों में एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति भी शामिल हैं। ट्वीट में कहा गया, “2022 की सिविल अपील संख्या 7634-7635, 2021 की (एसएलपी (सी) संख्या 21108-21109) में माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 21.10.22 के फैसले को बरकरार रखते हुए माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है।”

बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति का भी इस्तीफा मांगा गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. राजश्री एम एस की नियुक्ति को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार राज्य द्वारा गठित खोज समिति को कुलपति पद के लिए इंजीनियरिंग विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के बीच से कम से कम तीन उपयुक्त व्यक्तियों का नाम भेजना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

वहीं आरिफ मोहम्मद खान के फैसले पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि यह संघ परिवार की एक चाल है, ताकि शिक्षा का भगवाकरण किया जा सके। सीपीएम ने आरोप लगाया कि राज्यपाल अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वहीं कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस्तीफा न देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि देखता हूं कि क्या कार्यवाही की जाएगी।