कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को अपने इस कदम के उद्देश्यों और चार साल की अवधि के दौरान छह लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र करने के मुख्य लक्ष्य के बारे में देश के समक्ष स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि जिन संपत्तियों की पहचान एनएमपी के तहत की गई है, उनसे मौजूदा समय में भी कोई न कोई राजस्व जरूर मिल रहा होगा।

चिदंबरम ने सवाल किया, ‘क्या सरकार ने मौजूदा राजस्व और चार साल की अवधि में मिलने वाले छह लाख करोड़ रुपए के राजस्व में अंतर का आकलन किया? अगर किया है तो फिर इन चार वर्षों में हर साल दोनों राजस्व में कितना अंतर होगा?’ पूर्व वित्त मंत्री के मुताबिक, कांग्रेस को एनएमपी को लेकर आपत्तियां हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने सवाल किया, ‘एनएमपी के पीछे की मंशा राष्ट्रीय आधारभूत अवसंरचना पाइपलाइन (एनआइपी) के समानांतर चलने की है।

एनआइपी के लिए 100 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी। क्या चार साल में एकत्र होने वाला छह लाख करोड़ रुपए का राजस्व 100 लाख करोड़ रुपए की परियोजना के वित्तपोषण के लिए पर्याप्त होगा?’ उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए, घाटे में चल रही संपत्तियों का मुद्रीकरण किया, जबकि राजग सरकार इसके उलट कर रही है।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने कभी सामरिक महत्त्व वाली संपत्तियों को नहीं बेचा। चिदंबरम ने जोर देकर कहा, ‘हमने हमेशा सुनिश्चित किया कि किसी तरह का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार, सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि छह लाख करोड़ रुपए के राजस्व का उपयोग 2021-22 के दौरान 5.5 लाख करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे के संदर्भ में नहीं होगा।

उन्होंने सरकार से यह खुलासा करने का भी आग्रह किया कि एनएमपी के मकसद क्या हैं और छह लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र करने का मुख्य लक्ष्य क्या है? चिदंबरम ने सरकार के समक्ष 20 सवाल रखे और कहा कि सरकार को चिह्नित की गई संपत्तियों के उस मूल्य का खुलासा करना चाहिए जो एक अवधि के बाद सरकार के पास वापस जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि क्या उसने एनएमपी का वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों पर पड़ने वाले असर का आकलन किया है? पूर्व वित्त मंत्री ने सवाल किया कि क्या सरकार मुद्रीकरण की प्रक्रिया में निविदा आंमत्रित करने का प्रावधान करेगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि किसी क्षेत्र में किसी एक या दो लोगों का एकाधिकार नहीं हो? उन्होंने आरोप लगाया, ‘जिन संपत्तियों को बनाने में वर्षों का समय लगा, केंद्र सरकार की योजना उनकी दिन-दहाड़े लूट करने की है।’ चिदंबरम ने कहा कि जनता को संपत्तियों को बेचे जाने की आशंका को लेकर आवाज उठानी चाहिए।