Punjab: 2020 में कोरोना महामारी की लहर चल रही थी। पंजाब के बंठिडा जिले के गियाना गांव के ड्राइवर डीसी सिंह ने अपने छोटे बेटे को प्राइवेट स्कूल से निकालकर स्थानीय सरकारी स्कूल में एडमिशन दिलवा दिया। डीसी ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे सही फैसला था। कुछ सालों बाद डीसी के बेटे जसकरन ने केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे जवाहर नवोदय स्कूल में एंट्रेंस क्लियर कर दिया। ऐसा करके वह गियाना के गर्वनमेंट प्राइमरी स्मार्ट स्कूल के कुछ चुनिंदा छात्रों में शामिल हो गया। वह अब जवाहर नवोदय स्कूल में 6 क्लास में पढ़ रहा है।
डीसी ने कहा कि मेरा बेटा चीजों को बहुत ही जल्दी सिख जाता है और सरकारी स्कूल के टीचर्स ने इस बात को समझा। स्कूल के हेडमास्टर गुरदर्शन सिंह ने उसे नवोदय स्कूल के एंट्रेंस की तैयारी करवाई और जसकरन ने पेपर पास भी कर लिया। गुरदर्शन खुद गियाना के गर्वनमेंट प्राइमरी स्मार्ट स्कूल से निकले हैं। और अपने कई स्टूडेंट्स की तरह उन्होंने भी 1994 में बठिंडा के नवोदय स्कूल में एडमिशन लिया था। हर जिले में एक ऐसा स्कूल होता है। इसलिए 2018 में जब वे इस स्कूल के टीचर बनकर लौटे तो उन्होंने फैसला किया कि वे यह तय करने के लिए काम करेंगे कि उनके स्टूडेंट स्कूल के एंट्रेंस क्लियर कर सके।
किस तरह बढ़े एडमिशन
गुरदर्शन ने बताया कि मेरे लिए यह घर वापसी करने जैसा था। लेकिन यह काम कोई आसान नहीं था। स्कूल की चारदीवारी टूटी हुई थी। लोग अपने बच्चों को यहां एडमिशन दिलाने से कतराते थे। स्कूल में सिर्फ 150 छात्र थे। उस समय मैंने और कुछ टीचर्स ने बठिंडा में एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड रिफाइनरी से संपर्क किया। इस कदम से स्कूल का कायापलट हो गया और HMEL ने चारदीवारी, फर्नीचर के साथ नए क्लासरूम, मिड-डे मील शेड, नए रास्ते, टॉयलट बनवाकर स्कूल को बदल दिया। छात्रों को यूनिफॉर्म और स्टेशनरी तो मिली ही, साथ ही स्कूल में बिजली बैकअप के लिए आरओ सिस्टम और इनवर्टर भी लगवाए गए। धीरे-धीरे एडमिशन बढ़ने लगे।
गुरदर्शन ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 375 छात्र और 11 कर्मचारी हैं। यह उनकी पढ़ाई के लिए काफी है। इस साल हमारे स्कूल के 11 छात्रों ने एंट्रेस पास करके जवाहर नवोदय विद्यालय में क्लास 6 में एडमिशन लिया है। 2018 से अब तक इस स्कूल से 23 छात्रों को जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन मिल चुका है। गुरदर्शन ने कहा कि 2024-25 के साल में में 11 छात्रों को नवोदय विद्यालय में दाखिला मिला। यह इस साल जिले के किसी एक स्कूल से सबसे ज्यादा है।
20 किलोमीटर दूर से भी पढ़ने आ रहे छात्र
कंप्यूटर टीचर कुलविंदर सिंह के बेटे आवरदीप को भी नवोदय विद्यालय में एडमिशन मिला है। कुलविंदर ने कहा कि मैं नवोदय स्कूल का पूर्व छात्र हूं, इसलिए में रेजिडेंशियल स्कूल में रहने को अच्छी तरह से समझता हूं। मैं तलवंडी साबो शहर में रहता हूं और मेरा बेटा गियाना गांव में स्कूल पहुंचने के लिए रोजाना करीब 20 किलोमीटर का सफर करता था। मेरी पत्नी गियाना में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर हैं और वे दोनों साथ में ही सफर करते थे।
गियाना से करीब 80 किलोमीटर दूर बछोआना गांव में रहने वाले टैक्सी ड्राइवर बलजीत सिंह ने कहा कि उनका बेटा अर्पणदीप गियाना में अपनी नानी के घर पर रह रहा है। उन्होंने कहा कि हम छुट्टियों में उससे मिलते हैं। वह पांचवी क्लास में है और टीचर्स उसे जवाहर नवोदय स्कूल के पेपर की तैयारी करवा रहे हैं। बलजीत ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग बहुत अच्छी है। इसमें पीने का साफ पानी है और बिजली बैकअप सिस्टम भी है। छात्र कई तरह के एग्जाम में हिस्सा लेते हैं। यही कारण है कि मैंने अपने बच्चे का एडमिशन यहां पर करवाया है। भले ही हम 80 किलोमीटर दूर रहते हैं।
अर्पणदीप की तरह ही 5वीं क्लास का स्टूडेंट भी गियाना से करीब 10 किलोमीटर दूर रामा मंडी इलाके का रहने वाला है और वह भी गियाना में अपनी नानी के घर पर रह रहा है। अभिजोत के चाचा कुलजीत सिंह ने कहा कि मैं जवाहर नवोदय स्कूल का पूर्व छात्र हूं, इसलिए मैंने अपनी बहन से कहा कि वह उसे गियाना भेजे। अभिजोत एक होनहार बच्चा है और वह यहां पढ़कर खुश है।
स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या में हुई बढ़ोतरी
गुरदर्शन और उनके टीचर्स की कोशिशों से स्कूल में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले पांच सालों में प्राइवेट स्कूलों से कई छात्र इस सरकारी स्कूल में आ चुके हैं। गुरदर्शन ने कहा कि पिछले साल तक मानसा और मुक्तसर जिलों के छात्र जिनके रिश्तेदार जियाना या आस-पास के गांवों में रहते हैं, वे भी नवोदय के एंट्रेंस की तैयारी के लिए यहां एडमिशन लेते थे। लेकिन इस साल से किसी खास जिले के छात्र को सिर्फ उसी जिले के नवोदय स्कूल में एडमिशन मिलेगा। इस साल गर्वनमेंट प्राइमरी स्मार्ट स्कूल के 19 छात्र पेपर की तैयारी कर रहे हैं। पिछले साल इसे पंजाब के शीर्ष 100 हैप्पीनेस स्कूलों में भी चुना गया था।