बिहार में जंगलराज के लिए नीतीश सरकार को निशाना बनाने वाली बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए ऐसे सदस्य को उम्मीदवार बनाया है जिसपर 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें अवैध खनन और जगह पर कब्जे जैसे मामले भी शामिल हैं। इसके साथ ही वह लगातार आठ बार विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं। उन्हें सिर्फ एक बार 1977 में नोखा से जीत मिली थी।
यहां बात हो रही है गोपाल नारायण सिंह की जिन्हें बीजेपी ने 12 लोगों की लिस्ट में शामिल किया है जो पार्टी की तरफ से राज्यसभा उम्मीदवार हैं। 73 साल के गोपाल नारायण ने अपना नॉमिनेशन भरते वक्त खुद कहा था कि उन्हें संघ का करीबी होने की वजह से टिकट मिली है। उनको टिकट मिलने पर सबको हैरानी इसलिए भी हुई थी क्योंकि उन्हें पार्टी के बड़े नेता सुशील मोदी की जगह टिकट दिया गया था।
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हालांकि, सुशील मोदी ने गोपाल नारायण को टिकट मिलने पर उनका समर्थन किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में किसी राजनेता पर मुकदमा दर्ज होना आम बात है। गोपाल नारायण सिंह जमुहर के रहने वाले हैं। वह राजपूत जाति के हैं। उन्होंने इलाहबाद यूनिवर्सिटी से इकनोमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया हुआ है।
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जनता दल युनाइटेड ने बीजेपी के इस फैसले की निंदा की है। JDU के प्रवक्ता संजय सिंह ने पीएम मोदी और अमित शाह की पसंद पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘क्या यह पार्टी की नई चाल, चरित्र और चेहरा है।’
वहीं, सुशील मोदी को टिकट ना मिलने के पीछे लोकसभा चुनाव में पार्टी का बुरा प्रदर्शन माना जा रहा है। उस वक्त सुशील मोदी ही बिहार में पार्टी के प्रमुख थे।

