तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के तीन महीने के भीतर गोवा के पूर्व विधायक लवू ममलेदार ने शुक्रवार को चार अन्य लोगों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को सौंपे गए त्याग पत्र में, ममलेदार ने आरोप लगाया कि टीएमसी धर्म के आधार पर गोवा को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि टीएमसी बीजेपी से भी अधिक सांप्रदायिक हो गई है।

गोवा विधानसभा चुनाव से पहले लगभग सभी पार्टियों में नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है। कोई कांग्रेस छोड़ तृणमूल ज्वाइन कर रहा है तो अब वहीं तृणमूल से भी नेता जाने लगे हैं। तृणमूल अभी राज्य की राजनीति में नई है और हाल के दिनों में उसने कांग्रेस समेत कई दलों के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराया था, अब वहीं लोग तृणमूल पर गंभीर आरोप लगाकर पार्टी छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में पूर्व विधायक ममलेदार ने भी पार्टी छोड़ दी है।

टीएमसी से लवू ममलेदार का जाना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि अगामी विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी की पार्टी यहां आधार बढ़ाने में लगी हुई है। पोंडा से महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के पूर्व विधायक ममलेदार ने यह भी लिखा कि टीएमसी का हिंदू वोटों को एमजीपी और कैथोलिक वोटों को तृणमूल की ओर ध्रुवीकृत करने का कदम विशुद्ध रूप से सांप्रदायिक प्रकृति का है।

इस पत्र पर ममलेदार, राम मांडरेकर, किशोर परवार, कोमल परवार और सुजय मल्लिक ने हस्ताक्षर किया है। पत्र में लिखा गया है- “हम एक ऐसी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहते हैं जो गोवा को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। हम राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे और हम इसकी रक्षा करेंगे।”

पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ममलेदार ने कहा कि वो बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के प्रदर्शन से काफी प्रभावित थे, इसलिए उन्होंने टीएमसी ज्वाइन की थी। उन्होंने कहा कि वो इस घारणा में थे कि टीएमसी बहुत ही धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, लेकिन पिछले 15-20 दिनों में उन्होंने जो कुछ भी देखा है, उससे उन्हें पता चला है कि यह भाजपा से भी बदतर है।