गोवा की राजनीति में टीएमसी, जितनी जोर-शोर से एंट्री ली थी, अब उतनी ही तेजी से बिखरती दिख रही है। दूसरी पार्टी से टीएमसी में आने वाले नेता अब ममता का साथ छोड़ने लगे हैं। शुक्रवार को एक पूर्व विधायक ने टीएमसी ज्वाइन करने के तीन महीने के भीतर ही पार्टी छोड़ दी थी, अब इस लिस्ट में और कई नाम जुड़ गए हैं। इन नेताओं का आरोप है कि ममता बनर्जी गोवा के लोगों को समझ नहीं पाईं और सांप्रदायिकता की रणनीति अपना रही हैं।

टीएमसी का दामन छोड़ने वाले ये वो नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरो के साथ तृणमूल का दामन थामा था। तब ममता बनर्जी ने इन्हें खुद पार्टी में शामिल कराया था। फलेरो इसके बाद टीएमसी की ओर से राज्यसभा चले गए थे। टीएमसी के साथ जुड़ने वाले शुरुआती नेताओं में पूर्व विधायक लवू ममलेदार ने शुक्रवार को ही ममता बनर्जी को इस्तीफा भेज दिया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने टीएमसी को बीजेपी से भी बदतर बताया है।

लवू ममलेदार के साथ-साथ राम किशोर परवार, कोमल परवार, सुजय मलिक, मांड्रेकर जैसे नेताओं ने भी अब टीएमसी को अलविदा कह दिया है। इन लोगों ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा- “हम इस उम्मीद के साथ टीएमसी में शामिल हुए थे कि यह गोवा और गोवावासियों के लिए अच्छे दिन लाएगा। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तृणमूल गोवा और गोवा के लोगों को नहीं समझ पाया है और सांप्रदायिकता की राजनीति करने लगा है”।

टीएमसी के साथ-साथ अन्य पार्टियों में भी उठापटक जारी है। हाल ही में, गोवा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता रवि नाइक ने बीजेपी का दामन थाम लिया। नाइक से पहले, कांग्रेस, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल के हाथों पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो को पहले ही खो चुकी है। इसके अलावा, बीजेपी गोवा चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस ने दावा किया है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

इन सबके अलावा, एनसीपी के एकमात्र विधायक चर्चिल अलेमाओ भी टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। इसी तरह भाजपा को भी दलबदल का सामना करना पड़ा है। विधायक अलीना सलदान्हा ने जहां आप का दामन थाम लिया, वहीं विधायक कार्लोस अल्मेडा, कांग्रेस में चले गए हैं।