उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मामला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ है कि इसी बीच गाजीपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं हैं। दरअसल बिजली के पोल गाड़ने को लेकर शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि थाने में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठी बरसा दी। इस लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ताओं को चोट आई है। जबकि एक की मौत भी हो गई है।
गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के गठिया गांव के रहने वाले ओंकार राय और अरविंद राय के बीच बिजली के खंभों को लेकर विवाद चल रहा था। दरअसल अरविंद का कहना था कि ओंकार ट्यूबेल पर लाइट उनके खेत के रास्ते ले जा रहे हैं जबकि वो अपने खेत के रास्ते भी ले जा सकते हैं। जिसको लेकर मामला बीते मंगलवार को मामला नोनहरा थाना पहुंचा। अरविंद के साथ कई लोग थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए। इसी दौरान वहां कासिमाबाद सीओ भी पहुंचे। वो बातचीत के जरिए मामला सुलझाने के लिए प्रयास भी किए लेकिन बात बनी नहीं।
सियाराम की मौत का बाद इलाके में तनाव
बताया जा रहा है कि थाने पर प्रदर्शन के दौरान रात को अचानक लाइट बुझा दी गई और भी वहां मौजूद सभी लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया गया। जिसमें कई लोग घायल हुए। इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय को काफी चोट आई। जिसके बाद उसकी मौत भी हो गई है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है।
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इस मामले को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक रहे कृष्णानंद राय और अलका राय के बेटे पीयूष राय ने पुलिस लाठीचार्ज का वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें साफ नजर आ रहा है कि पुलिस ने लाइट बंद करके लाठीचार्ज किया है। वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने इस मामले को लेकर कहा कि सियाराम बीजेपी का समर्पित कार्यकर्ता था। उन्होंने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि पूरी पार्टी इस समय उनके परिवार के साथ है। इसके साथ ही परिवार की जो भी मांग होगी उसे पूरी की जाएगी और इस घटना में शामिल सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
वहीं पुलिस अधीक्षक ईरज राजा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि थाने में कोई लाठीचार्ज नहीं हुई थी। बल्कि लाइट कटने के बाद धरना दे रहे लोग खुद वहां से चले गए थे। उन्होंने कहा कि आरोप के अनुसार मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और मामले की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएगा उसके आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।