Ghaziabad Hindon River Flood: दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र और साहिबाबाद इलाके में हिंडन नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ के हालात हैं। निचले इलाकों में रह रहे लोग हिंडन नदी में उफान से परेशान हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते गलियों, मकानों और दुकानों में जलभराव है। लोगों को अपने घर भी खाली करने पड़ रहे हैं। हालांकि, एनडीआरएफ की टीम और प्रशासनिक अधिकारी राहत और बचाव कार्य में दिन रात जुटे हुए हैं।

नोएडा में सोमवार को नदी का जल स्तर 201 मीटर पार हो जाने से बहलोलपुर, लखनावली, चोटपुर कॉलोनी और छजारसी में हिंडन बाढ़ के मैदानों पर कम से कम 200 घर डूब गए, जिससे लगभग 500 लोग विस्थापित हो गए। अधिकारियों को डर है कि भारी बारिश के कारण जलस्तर और बढ़ सकता है।

पिछले 36 घंटों से हिंडन में पानी बढ़ा

हिंडन नदी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद नोएडा पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पिछले 36 घंटों से हिंडन में पानी बढ़ा है जिसकी वजह से हमारे 4 थाना क्षेत्रों के 11 गांव और कॉलोनी में पानी घुसा है। सभी लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया है, हमारी पेट्रोलिंग चल रही है। राहत शिविर 6 जगहों पर है जहां सभी प्रकार की व्यवस्था है। पानी कम होने के बाद ही इन्हें वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी।

लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया

गाजियाबाद में हिंडन में बाढ़ से लोगों के घरों में चार से पांच फीट पानी घुस गया है। प्रशासन की टीम ने करीब एक हजार से ज्यादा लोगों को इन इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ने से पानी खादर क्षेत्र से निकलकर रिहायशी कॉलोनियों में घुसने लगा है। इस दौरान करीब एक हजार परिवारों को ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए उनके घरों से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। करहेड़ा के कंपोजिट विद्यालय में बने राहत शिविर में रविवार तक 800 लोगों का पंजीकरण कराकर ठहराया गया। अटौर में बने एक मंडप में 60 परिवारों को ठहराया गया।

सहारनपुर में भारी बारिश और बाढ़ के कारण नदी का जल स्तर बढ़ने की आशंका है। पिछले कुछ दिनों में हिंडन बैराज से पानी का बहाव बढ़ गया है। 21 जुलाई को 8,115 क्यूसेक से बढ़कर 22 जुलाई को 13,423 क्यूसेक और 23 जुलाई को 20,026 क्यूसेक पानी रहा। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने कहा कि सदर तहसील में हाल ही में आई बाढ़ के कारण लगभग 300 लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि 150 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर दादरी तहसील में आश्रय घरों में शरण लेनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि हमने लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित होने की सलाह दी है। हम जलस्तर पर नजर रख रहे हैं।