Ghaziabad News: योगी सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से कई अपराधियों ने अपराध की दुनिया से खुद को दूर कर लिया या फिर कई अपराधियों ने पुलिस के डर से कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद में मुरादनगर से सामने आया है। मुरादनगर में व्यापारी मुकेश गाोयल की हत्या में फरार चल रहे 50 हजार के इनामी अपराधी अंकित शर्मा ने गुरुवार दोपहर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) की कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वो वकील के लिबास में पहुंचा। वकीलों ने ही उसे वकील की ड्रेस पहना रखी थी। 50 हजार के इनामी को कचहरी गेट से उसके साथ 15 लोग आए। उन्होंने घेरा बना रखा था। मोस्ट वांटेड अंकित घेरे की ठीक बीच में था। यह सब इसलिए किया गया था ताकि कचहरी गेट पर तैनात 45 पुलिस कर्मियों की नजर से वो बचा रहे।
मोनू के ढेर होने के बाद अंकित को एनकाउंटर का सता रहा था डर
पुलिस को उसके सरेंडर करने की सूचना से पहले ही वो कोर्ट में पेश हो चुका था। इसके बाद कोर्ट ने उसे 21 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। चर्चा है कि उसको एनकाउंटर का डर सता रहा था। यही वजह है कि उसने कोर्ट में सरेंडर करने की पूरी प्लानिंग की। उसका साथी विशाल चौधरी उर्फ मोनू पुलिस एनकाउंटर में पहले ही मारा जा चुका है। मोनू और अंकित पर मुकेश गोयल हत्याकांड में 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। इससे पहले दोनों बदमाशों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित था। दोनों उखलारसी के नवीन भारद्वाज की हत्या में भी शामिल थे।
मोनू के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के बाद पुलिस की 10 टीमें अंकित की तलाश में लगी हुई थीं। उसने समर्पण के लिए वकील के जरिए कोर्ट में एक अर्जी डाली थी। डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने बताया, ‘हत्या के मामले में फरार चल रहे अंकित को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
13 साल से कर रहा था अपराध
अंकित शर्मा पर पहला केस 2010 में दर्ज हुआ था। वो 13 साल से अपराध की दुनिया में है। अंकित पर कुल 15 केस दर्ज हैं, जबकि 13 मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। अंकित पर मुरादनगर, भोजपुर, निवाड़ी, कविनगर थाने में लूट, हत्या, हत्या की कोशिश, गैंगस्टर समेत कई मामलों में केस दर्ज हैं।