स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम को प्रमोट करने और कुत्तों के खतरे को कम करने के लिए गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा ने डॉगी पालने के लिए 5 हजार रुपए की लाइसेंस फीस रखने का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने यह ऐलान भी किया कि यदि कोई डॉगी पार्क में शौच करता पाया गया तो उसके मालिक पर 500 रुपए का जुर्माना लगेगा। हालांकि इस फैसले का विरोध करते हुए लोगों ने उनसे आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर सवाल पूछ डाले। कुछ लोगों ने इसे सिर्फ कमाई का जरिया करार दिया।
‘कोई नहीं देगा 5 हजार रुपए’: दुष्यंत शर्मा नाम के एक शख्स ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘खतरा घरेलू कुत्तों से नहीं है, बल्कि आवारा कुत्तों से है, जिन्हें नगर निगम नहीं पकड़ता है।’ वहीं एक अन्य शख्स ने पूछा कि यदि आवारा कुत्ते गंदगी करते हैं तो क्या सरकार खुद पर जुर्माना लगाएगी? साथ ही लिखा कि कुत्ते पालने के लिए 5 हजार रुपए कोई नहीं देगा और इस फैसले से लोग कुत्ते पालने बंद कर देंगे, इसके बाद पालतू कुत्ते भी आवारा बनकर घूमेंगे और गंदगी करते दिखेंगे।
‘हर जगह बस फाइन लगाना है’: विनोद नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘आवारा कुत्तों का क्या होगा, असली खतरा उन्हीं से है। क्या उन्हें रोकने के लिए कोई प्लान है?’ कुछ लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘हर जगह केवल फाइन ही लगाना है। सड़कों पर जो मवेशी घूमते रहते हैं और दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, उनका क्या होगा?’
लोग बोले- गाय पालन पर भी आए ऐसा फैसलाः यशस्वी नाम की एक ट्विटर यूजर ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसकी तारीफ की। उन्होंने लिखा कि यह अच्छा फैसला है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अब गाय को लेकर भी ऐसा ही फैसला लिया जाएगा।