चीन दुनिया में खुद को सबसे शक्तिशाली बताता है और अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को कुचल देने की धमकी देता रहता है। भारत के खिलाफ भी वह आए दिन कुछ न कुछ हरकत करता रहता है। कभी सीमा पर बिना उकसावे के हमला करता है तो कभी वह भारतीय क्षेत्र में घुसकर स्थानीय लोगों को उठा ले जाता है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान को भी भड़काता रहता है।

एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन ने दावा किया है कि चीन को 2020 में गलवान घाटी संघर्ष में भारी नुकसान हुआ था। लेखक एंथनी क्लान ने अपने खुलासे में कहा कि उस संघर्ष में चीनी सेना के 38 लोग मरे थे लेकिन चीनी सरकार ने कुल 4 बताए थे। ऑस्‍ट्रेलियन अखबार का दावा है कि चीन दुनिया को मनगढ़ंत कहानी सुना रहा है। सच्चाई को छिपाने के लिए ड्रैगन ने तस्वीरों और तथ्यों से छेड़छाड़ की थी।

दूसरी तरफ चार फरवरी से 20 फरवरी तक होने जा रहे बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक की मशाल को ले चलने के लिए चीन ने की फाबाओ को उतारा है, जो देश की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजीमेंटल कमांडर हैं और जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में बुरी तरह घायल हो गए थे।

बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक की मशाल पकड़े चीनी सेना का रेजीमेंटल कमांडर की फैबाओ, जो गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में घायल हो गया था। (फोटो साभारः ग्लोबल टाइम्स)

अपनी रिपोर्ट की जांच के लिए ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन ने स्वतंत्र रूप से सोशल मीडिया शोधकर्ताओं की एक टीम गठित की थी। टीम ने पाया कि चीन ने अपने हताहतों की संख्या छिपाने के लिए कई तरह से छेड़छाड़ की है। हाल ही में चीन सरकार ने गलवान संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों को मरणोपरांत पदक की घोषणा की, लेकिन इस दौरान भी केवल चार नाम सार्वजनिक किए गए। बाकी नामों को छिपा लिया गया।

सोशल मीडिया शोधकर्ताओं की टीम ने ‘गलवान डिकोडेड’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह दावा किया गया है कि 15-16 जून 2020 की लड़ाई के शुरुआती दौर में तेजी से बहने वाली गलवान नदी में शून्य तापमान तैरने का प्रयास करते हुए कई चीनी सैनिक मारे गए थे।

उधर, सार्वजनिक ग्लोबल टाइम्स समाचार पत्र के अनुसार फाबाओ ने विंटर ओलंपिक पार्क में मशाल वैंग मेंग से ली, जो चीन के शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग में चार बार के ओलंपिक चैंपियन हैं। चार फरवरी को ओलंपिक मशाल लगभग 1200 मशाल धारकों के हाथों से होती हुई राष्ट्रीय स्टेडियम में पहुंचेगी और इससे मुख्य मशाल को प्रज्जवलित किया जाएगा, जिसके साथ बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी।